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Swiggy लाएगी 10,400 करोड़ रु का IPO; सितंबर के पहले सप्ताह तक जमा करेगी ड्राफ्ट पेपर

Swiggy ने अपने 10,400 करोड़ रुपये के IPO के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिलने के बाद अप्रैल 2022 में सेबी के पास गोपनीय तरीके से पेपर दाखिल किए थे. कंपनी की नजर Zomato के मार्केट कैप के 60% के मूल्यांकन पर है.

Swiggy लाएगी 10,400 करोड़ रु का IPO; सितंबर के पहले सप्ताह तक जमा करेगी ड्राफ्ट पेपर

Tuesday August 20, 2024 , 5 min Read

भारत के सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न में से एक, सॉफ्टबैंक समर्थित स्विगी (Swiggy) सितंबर के पहले सप्ताह तक भारत के बाजार नियामक के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल कर देगी, जो देश में वेंचर कैपिटल समर्थित कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ होगा.

फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म का लक्ष्य अपने IPO के माध्यम से 10,400 करोड़ रुपये ($1.28 बिलियन) जुटाना है, जिससे यह पेटीएम के बाद सार्वजनिक लिस्टिंग में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाला एकमात्र वेंचर कैपिटल समर्थित स्टार्टअप बन जाएगा. मामले से अवगत दो लोगों ने YourStory को इसकी जानकारी दी.

"कंपनी DRHP स्टेज के लिए आगे बढ़ रही है और सितंबर के पहले सप्ताह तक ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए जा सकते हैं. एक बार जब पेपर दाखिल हो जाते हैं, तो हम SEBI की मंजूरी के लिए दो महीने की समयसीमा मानकर चल रहे हैं, जब तक कि वे (SEBI) कुछ और नहीं चाहते हैं," ऊपर उद्धृत दो लोगों में से एक ने नाम न बताने का अनुरोध करते हुए यह बात कही.

एक व्यक्ति ने कहा, "इस वित्तीय वर्ष में सूचीबद्ध होने का विचार है और इसलिए हम उस ओर बढ़ रहे हैं. सामान्य नियम यह है कि स्विगी का मूल्यांकन ज़ोमैटो के बाजार पूंजीकरण का 60% होगा, इसकी लाभप्रदता और रेवेन्यू को देखते हुए. इसलिए उस संदर्भ में, स्विगी का मूल्यांकन लगभग $16 बिलियन या 15-17 होगा."

सोमवार तक ज़ोमैटो का बाजार पूंजीकरण 2.28 ट्रिलियन रुपये या $27 बिलियन से अधिक था. स्विगी ने YourStory द्वारा भेजे गए प्रश्नों पर कोई टिप्पणी नहीं की.

अप्रैल में, स्विगी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ 10,400 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए गोपनीय रूप से ड्राफ्ट पेपर जमा किए. 2022 में सेबी द्वारा पेश किए गए गोपनीय मार्ग के तहत, कंपनियां अपनी प्रारंभिक फाइलिंग का विवरण निजी रख सकती हैं. यह मार्ग कंपनियों को अपडेट किए गए DRHP जमा होने तक प्रस्तावित नए शेयरों की संख्या को 50% तक समायोजित करने की अनुमति देता है.

DRHP सेबी के पास दाखिल किया गया एक प्रारंभिक दस्तावेज है जो कंपनी के आगामी IPO का अवलोकन प्रदान करता है, जिसमें इसकी वित्तीय स्थिति, बिजनेस मॉडल और जोखिम शामिल हैं, लेकिन इसमें अंतिम मूल्य या शेयरों की संख्या शामिल नहीं है.

अप्रैल में, गोपनीय रूप से ड्राफ्ट पेपर दाखिल करने से ठीक पहले, स्विगी को अपने IPO के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई, जिसमें 3,750 करोड़ रुपये या $450 मिलियन का नया इश्यू और 6,664 करोड़ रुपये या लगभग $800 मिलियन का ऑफर फॉर सेल शामिल है. स्विगी $90 मिलियन या $750 करोड़ का प्री-IPO एंकर राउंड भी करेगी.

अगर स्विगी का IPO योजना के अनुसार आगे बढ़ता है, तो यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक लिस्टिंग में से एक बन जाएगा. प्रस्तावित IPO ऐसे समय में आया है जब इसके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी ज़ोमैटो के शेयर की कीमत पिछले छह महीनों में 67% से अधिक बढ़ गई है, जिससे यह हाल के दिनों में भारत के सबसे हॉट स्टॉक में से एक बन गया है. कंपनी ने लगातार पांच तिमाहियों में तिमाही लाभ दर्ज किया, जिससे शेयरधारकों का विश्वास बढ़ा. हालांकि, स्विगी ने समेकित स्तर पर लाभप्रदता हासिल नहीं की है, कम से कम पिछले वित्तीय वर्ष तक.

एक सार्वजनिक बाजार निवेशक ने कहा, जो ब्रोकरेज के पूर्व प्रमुख थे, नाम न बताने का अनुरोध करते हुए कहा, "स्विगी के लिए एक सूचीबद्ध प्रतिद्वंद्वी होना अच्छा और बुरा दोनों है. एक बात यह है कि यह एक मूल्यांकन बेंचमार्क स्थापित करेगा, जो पहले से ही है, और जब स्विगी सूचीबद्ध होगी, तो सार्वजनिक बाजार के शेयरधारक इस सेक्टर के बारे में पूरी तरह से अनभिज्ञ नहीं होंगे."

निवेशक ने कहा, "लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है. स्विगी को तेजी से लाभदायक बनना होगा. अगर दो एसेट्स हैं, जो काफी समान हैं और एक कैश जनरेट कर रही है, तो निवेशक उसे खरीद लेंगे. इसलिए स्विगी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह विकास से समझौता किए बिना लाभप्रदता प्राप्त करे."

स्विगी सार्वजनिक लिस्टिंग की संभावना तलाशने वाली नई-पुरानी टेक्नोलॉजी कंपनियों की बढ़ती सूची में शामिल हो गई है. इस साल, Peak XV-समर्थित शेयर्ड ऑफिस स्पेस स्टार्टअप Awfis, इंश्योरेंस कंपनी GoDigit, ट्रैवल-टेक प्लेटफॉर्म ixigo सहित कई कंपनियां भारत के स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हुई हैं, जिनमें से हालिया Ola Electric और FirstCry हैं, जो इस साल भारत के सबसे बड़े आईपीओ भी बन गए हैं.

इन कंपनियों के शेयर की कीमतों में भी उछाल आया है क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक बाजार के निवेशकों से पर्याप्त रुचि आकर्षित की है. स्विगी का आईपीओ सॉफ्टबैंक के लिए भी अधिक मूल्य अनलॉक करेगा, जो दुनिया के सबसे बेहतरीन निवेशकों में से एक है, जिसने दो साल से अधिक समय से भारतीय स्टार्टअप के लिए एक भी नया चेक नहीं काटा है. हालांकि, सॉफ्टबैंक अपनी निजी और सार्वजनिक पोर्टफोलियो कंपनियों में सक्रिय रूप से हिस्सेदारी बेच रहा है, जिसमें Ola Electric, FirstCry, और Lenskart शामिल हैं.

(Translated by: रविकांत पारीक)

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