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Flipkart Business Model: ये है फ्लिपकार्ट का बिजनेस मॉडल, जानिए कंपनी कैसे करती है कमाई

अगर किसी भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी की बात करें तो फ्लिपकार्ट सबसे बड़ा नाम है. करीब 4 साल पहले इस कंपनी को वॉलमार्ट ने खरीद लिया है. यहां अक्सर लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर फ्लिपकार्ट का बिजनेस मॉडल क्या है? आइए जानते हैं फ्लिपकार्ट कैसे करता है कमाई.

Flipkart Business Model: ये है फ्लिपकार्ट का बिजनेस मॉडल, जानिए कंपनी कैसे करती है कमाई

Wednesday December 07, 2022 , 4 min Read

साल 2007 में आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई कर चुके और अमेजन जैसी कंपनी में काम कर चुके दो युवाओं ने Flipkart की शुरुआत की थी. ये युवा हैं सचिन बंसल और बिन्नी बंसल, जिन्होंने अमेजन की तर्ज पर फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स की शुरुआत की. तब ना तो उन्होंने ये सोचा था, ना ही किसी और ने सोचा था कि एक दिन यह भारत का सबसे वैल्युएबल ई-कॉमर्स बिजनेस बन जाएगा. 2018 में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट को 16 अरब डॉलर में खरीद लिया. इस कंपनी को हमेशा से घाटा ही हो रहा है. ऐसे में अक्सर ये सवाल उठ सकता है कि आखिर कंपनी का बिजनस मॉडल (Flipkart Business Model) क्या है, आइए जानते हैं।

क्या है फ्लिपकार्ट का बिजनेस मॉडल?

फ्लिपकार्ट बी2सी यानी बिजनेस टू कस्टमर के बिजनेस मॉडल पर काम करता है. इसके तहत कंपनी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए सीधे ग्राहकों को प्रोडक्ट डिलीवर करती है. फ्लिपकार्ट की शुरुआत को किताबें बेचने से हुई थी, लेकिन आज के वक्त में हर तरह का सामान फ्लिपकार्ट पर मिलता है. यहां तक कि अब फ्लिपकार्ट ग्रॉसरी सेगमेंट में भी उतर चुका है और लोगों के घरों तक आटा-चावल-दाल समेत सब्जियां-फल भी पहुंचा रहा है. यह इसलिए मुमकिन हुआ, क्योंकि बिजनेस की शुरुआत के कुछ वक्त बाद यह कंपनी मार्केटप्लेट मॉडल पर काम करने लगी, जिसके तहत तमाम सेलर्स और बायर्स फ्लिपकार्ट पर कनेक्ट होने लगे.

मौजूदा वक्त में फ्लिपकार्ट पर लाखों सेलर्स लिस्टेड हैं, जो 80 से भी अधिक कैटेगरी के तहत ग्राहकों को उनकी जरूरत की चीजें दे रहे हैं. जो भी ग्राहक फ्लिपकार्ट से सामान खरीदते हैं, उन्हें अक्सर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह किस सेलर से सामान ले रहे हैं. ग्राहकों को फ्लिपकार्ट पर भरोसा है और वह उसी के भरोसे तमाम सेलर्स से सामान लेते हैं. वहीं फ्लिपकार्ट की वजह से तमाम सेलर्स ऐसे-ऐसे ग्राहकों तक अपना सामान पहुंचा पा रहे हैं, जिन तक वह फ्लिपकार्ट के बिना शायद कभी नहीं पहुंचा पाते.

फ्लिपकार्ट के रेवेन्यू पर एक नजर

वित्त वर्ष 2018 में जब कंपनी का वॉलमार्ट ने अधिग्रहण किया था, उस साल कंपनी का रेवेन्यू करीब 30,164 करोड़ रुपये था. उस साल कंपनी का मुनाफा 5 गुना बढ़कर 46,895 करोड़ रुपये हो गया था. साल 2022 में कंपनी को 7800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि 2021-22 में फ्लिपकार्ट की कंबाइंड नेट इनकम लगभग 61,836 करोड़ रुपये रही थी.

किन-किन तरीकों से पैसे कमाता है फ्लिपकार्ट?

सेलर्स से कमीशन लेकर- सेलर्स और बायर्स के बीच ट्रांजेक्शन पूरी करने पर फ्लिपकार्ट तमाम सेलर्स से कमीशन फीस लेता है.

कन्वेनिएंस चार्ज लगाकर- ग्राहकों को सामान की फास्ट डिलीवरी के लिए फ्लिपकार्ट एक कन्वेनिएंस चार्ज लेता है. इससे भी फ्लिपकार्ट की कमाई होती है.

लॉजिस्टिक्स- फ्लिपकार्ट की एक लॉजिस्टिक्स कंपनी है ई-कार्ट. इसके जरिए सेलर्स की तरफ से बायर्स को प्रोडक्ट भेजे जाते हैं. इसके लिए सेलर्स से एक डिलीवरी चार्ज लिया जाता है. अगर सेलर का मार्जिन ज्यादा होता है तो वह कई बार ग्राहकों से ये चार्ज नहीं लेता, लेकिन मार्जिन कम होने की सूरत पर वह ग्राहकों पर इस डिलीवरी चार्ज का बोझ डाल देता है. खैर, दोनों ही सूरत में फ्लिपकार्ट की कमाई होती है, क्योंकि उसी की कंपनी के जरिए ऑर्डर डिलीवर किया जा रहा है.

विज्ञापन- फ्लिपकार्ट की तरफ से अपनी वेबसाइट पर विज्ञापन का स्पेस भी बेचा जाता है. ऐसी कंपनियों के प्रोडक्ट भी सर्च रिजल्ट में ऊपर दिखाए जाते हैं, जिसके जरिए फ्लिपकार्ट पैसे कमाता है.

मीडिया में विज्ञापन- कई बार फ्लिपकार्ट की तरफ से कुछ ब्रांड के विज्ञापन मीडिया में किए जाते हैं. फ्लिपकार्ट उन ब्रांड से पैसे चार्ज करता है. जैसे किसी सेल के दौरान फ्लिपकार्ट किसी एक या दो कंपनी के मोबाइल फोन पर भारी डिस्काउंट या खास ऑफर का विज्ञापन कर सकता है.

स्पॉन्सरशिप- फ्लिपकार्ट की तरफ से तमाम सेल्स के लिए कुछ कंपनियों से स्पॉन्सरशिप ली जाती है. जैसे सितंबर 2022 की बिग बिलियन डेज सेल में पोको, आसुस और नॉइस जैसे ब्रांड स्पॉन्सर थे.

सिर्फ ई-कॉमर्स तक सीमित नहीं है फ्लिपकार्ट

फ्लिपकार्ट अब सिर्फ ई-कॉमर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि कुछ अन्य बिजनेस में भी इसने हाथ डालना शुरू कर दिया है. फ्लिपकार्ट ने 2016 में एक फिनटेक कंपनी FxMart का अधिग्रहण किया था और उसके बाद फोनपे लॉन्च किया था. फोनपे के जरिए यूपीआई भुगतान किया जाता है. इसकी मदद से आप तमाम तरह के बिल चुका सकते हैं, फोन रिचार्ज कर सकते हैं या तमाम तरह के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से शॉपिंग कर सकते हैं.

वॉलमार्ट की तरफ से फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के बाद अब कंपनी हाइब्रिड सेल्स मॉडल पर काम कर रही है. फ्लिपकार्ट ने FurniSure स्टोर भी खोले हैं, जहां जाकर ग्राहक फर्नीचर को छूकर उसकी क्वालिटी आदि को देख सकते हैं. उसके बाद लोग उस फर्नीचर को ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.