Father's day: वित्तीय शिक्षा का महत्व और पिता वित्तीय साक्षरता को कैसे सिखा सकते हैं?
इस फादर्स डे पर आइए वित्तीय शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालें और जानें कि किस प्रकार पिता अपने बच्चों की वित्तीय यात्रा में एक मूल्यवान मार्गदर्शक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
हम अक्सर अपने जीवन में पिता की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में सोचते हैं, लेकिन फादर्स डे (Father's day) हमें उनके प्रभाव की सराहना करने का एक विशेष कारण देता है. हम आमतौर पर पिताओं को उनके जीवन की सीख, भावनात्मक सहयोग और मार्गदर्शन के लिए मानते ही हैं, पर वो हमे पैसों के बारे में कैसे सिखाते हैं इसको पहचानना भी जरूरी है. आज की जटिल दुनिया में, पिताओं के लिए यह पहले से कई अधिक महत्वपूर्ण हो गया है कि वे अपने बच्चों को वित्तीय प्रबंधन के बारे में सिखाएं, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.
भारत में, जहां वित्तीय साक्षरता को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, पिताओं की यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को आय-व्यय का प्रबंध करना सिखाए. कम उम्र से ही मूल्यवान वित्तीय शिक्षा देकर, वे अपने बच्चों को महत्वपूर्ण कौशल से लैस कर सकते हैं, जिसका उन्हें जीवन भर लाभ मिलेगा.
आरबीआई के वित्तीय शिक्षा सर्वेक्षण के लिए राष्ट्रीय रणनीति के अनुसार, केवल 27% भारतीय वित्तीय रूप से साक्षर हैं, जिसका अर्थ है कि जनसंख्या के एक महत्वपूर्ण हिस्से में अपने वित्त को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ज्ञान और कौशल का अभाव है, जिसके कारण खराब वित्तीय निर्णय, कर्ज और वित्तीय असुरक्षितता की स्थिति निर्माण होती है.
इस फादर्स डे पर आइए वित्तीय शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालें और जानें कि किस प्रकार पिता अपने बच्चों की वित्तीय यात्रा में एक मूल्यवान मार्गदर्शक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
बच्चों को व्यक्तिगत वित्त के बारे में सिखाना उनके भविष्य की वित्तीय भलाई के लिए आवश्यक है. धन प्रबंधन के बारे में सीखकर, वे सूचित निर्णय लेने, बचत के महत्व को समझने और ऋण के जाल से बचने के लिए मजबूत विचार के आधार को विकसित करे सकते है. यह ज्ञान उन्हें स्मार्ट विकल्प चुनने, अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने और दीर्घकालिक स्थिरता का आनंद लेने में सक्षम बनाएंगे.
वित्तीय साक्षरता सिखाने में सक्रिय भूमिका निभाकर, पिता अपने बच्चों को व्यक्तिगत वित्त की जटिलताओं को समझने, सूचित निर्णय लेने और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान कर सकते हैं. अब, आइए हम उन्हे सूनते है जो उद्योग जगत के लीडर्स के साथ साथ पिता भी हैं, वे अगली पीढ़ी को वित्तीय साक्षरता सिखाने के प्रभावी तरीकों पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा कर रहे हैं.
पीपलको (कॉइनस्विच और लेमन की पेरन्ट कम्पनी) के सह-संस्थापक और समूह सीईओ आशीष सिंघल कहते हैं, "एक जिज्ञासु बच्चे के रूप में, मैं अक्सर अपने माता-पिता पर पैसों से संबंधित सवालों की बौछार कर देता था, जबकि मुझे यह पता भी नहीं होता था की ये सवाल विषय से अनुरूप है या नहीं. फिर भी, उन्होंने हमेशा पूरी ईमानदारी से जवाब दिया, जिससे मुझे लगा कि प्रत्येक प्रश्न महत्वपूर्ण था और स्पष्टीकरण के योग्य था. मैं अपने बच्चे के लिए भी ऐसा ही पालन-पोषण वाला माहौल बनाने की ख्वाहिश रखता हूँ."
उन्होंंने आगे कहा, "मेरे पिता की तरह, मेरा मानना है कि ये शुरुआती सवाल बच्चे की रोजमर्रा के बुनियादी वित्त की समझ को महत्वपूर्ण रूप से आकार देते हैं. अपने बच्चों को रोज के वित्तीय निर्णयों में शामिल करके, पैसे के प्रबंधन पर खुलकर चर्चा करके और वित्तीय जिम्मेदारी के महत्व को सिखाकर, हम कम उम्र से ही अच्छे वित्तीय व्यवहार सिखा सकते हैं. यह प्रारंभिक शिक्षा उन्हें स्वस्थ वित्तीय आदतें विकसित करने, पैसे के मूल्य को समझने और बड़े होने पर सूचित वित्तीय विकल्प चुनने में मदद करेगी."
आज के निरंतर विकसित हो रहे वित्तीय परिदृश्य में, हमारे बच्चों में वित्तीय जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता है.
फर्स्ट लिविंगस्पेस के कश्यप मेहता, मुख्य उत्पाद अधिकारी (सीपीओ), युकिओ, ज़िकी और सिरस.एआई का मानना है कि, “एक पिता के रूप में, मैंने हमेशा अपने बच्चों में वित्तीय जागरूकता निर्माण करने की आदतें डालने की कोशिश की है, यह जानते हुए कि निवेश शुरू करते समय वे गलतियाँ कर सकते हैं. हालाँकि, मेरा यह भी मानना है कि वे जो गलतियाँ करते हैं उनसे उन्हें बहुत कुछ सीखना है. मैं उन्हें विवेकपूर्ण निवेशक मानसिकता विकसित करने के लिए वित्तीय सलाहकार समुदायों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करता हूं. यहां तक कि जब वे अपनी व्यावसायिकता की शुरुआत करेंगे, तो वे अपने स्वयं के निवेशकों का नेटवर्क स्थापित कर पाएंगे."
पैसे और हमारे जीवन के बीच का संबंध निर्विवाद है. जैसे-जैसे हम वित्तीय निर्णयों की जटिलताओं से गुजरते हैं, यह स्पष्ट हो जाता है कि भले ही पैसा खुशी की कुंजी न हो, लेकिन इसका प्रभाव हमारे अस्तित्व के लगभग हर पहलू में व्याप्त है.
चंदन सेनगुप्ता, सीनियर डिलीवरी हेड, कोलरुयट ग्रुप इंडिया कहते हैं, "पैसा ही सब कुछ नहीं है लेकिन लगभग हर चीज़ के लिए पैसे की ज़रूरत होती है!! मैं अपने बच्चे को बजट और निवेश विकल्पों के बारे में चर्चा में शामिल करता हूं, उन्हें सोचने और सूचित निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करता हूं. उन्हें निवेश और व्यय के बीच अंतर करने में सक्षम होना चाहिए; हालाँकि दोनों में पैसा शामिल है. मैंने बच्चे के लिए एक बचत बैंक खाता खोला; जहां उसे इसका उपयोग "नया" फिक्स्ड डिपॉजिट खोलने, अपने मासिक व्यक्तिगत खर्चों का विश्लेषण करने और अपने भविष्य के खर्चों की योजना बनाने के लिए मिलता है."
याद रखें, वित्तीय शिक्षा केवल संख्याओं और स्प्रेडशीट के बारे में नहीं है; यह मूल्यों को स्थापित करने, जिम्मेदारी को बढ़ावा देने और सुरक्षित भविष्य के लिए एक मजबूत नींव बनाने के बारे में है. इसलिए, इस फादर्स डे पर, अपने बच्चों के साथ पैसे के बारे में खुलकर बातचीत करने के लिए समय निकालें, अपने अनुभव साझा करें और उन्हें स्मार्ट वित्तीय विकल्प बनाने के लिए मार्गदर्शक बनें.
आज अपने बच्चों की वित्तीय शिक्षा में निवेश करके, हम न केवल उनके व्यक्तिगत भविष्य को आकार दे रहे हैं, बल्कि अपने समाज की समग्र वित्तीय भलाई में भी योगदान दे रहे हैं.