बच्चों की देखभाल के लिए मां के साथ पिता को भी मिलेगी लंबी छुट्टी
बदलते वक्त के साथ कई प्राइवेट कंपनियां इसके बारे में सोच रही हैं और पुरुषों को अपने यहां नए पैदा हुए बच्चे के साथ रहने के लिए छुट्टियां दे रही हैं।
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देश में केंद्र सरकार के आधीन काम करने वाले कर्मचारियों को भी 15 दिन की छुट्टी दिये जाने का प्रावधान है। हालांकि अपने देश में लेबर लॉ उतना सशक्त नहीं है इसलिए प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता।
इस तरह से महिलाओं को इस चीज के लिए मौका दिया गया, ताकि वे बच्चे के जन्म के बाद ज्यादा जल्दी काम पर वापस लौट पाएं और पिताओं को घर पर ज्यादा जिम्मेदारी निभाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सके।
कामकाजी दंपतियों के साथ अक्सर ये समस्या हो जाती है कि बच्चे पैदा होने पर उसकी देखभाल सिर्फ मां को ही करना पड़ता है। और हमारे यहां अधिकतर कंपनियों में सिर्फ मैटरनिटी लीव का ही प्रावधान है। जिससे चाहते हुए भी पुरुष अपने नवजात के साथ समय नहीं बिता पाते। लेकिन लग रहा है कि ये हालात जल्द ही बदलने वाले हैं। दुनिया के कई देशों की तरह अब भारत में भी कई कंपनियों ने पिता बनने पर पैरेंटल लीव देना शुरू कर दिया है। अगर देखा जाए तो बच्चे के पैदा होने के बाद मां को काफी देखभाल और प्यार की आवश्यकता होती है। एक पुरुष अपनी पत्नी कई तरीकों से मदद कर सकता सकता है। जैसे कि वो बच्चे को नहलाने, कपड़े बदलने, मसाज आदि करने में अपनी पत्नी की मदद कर सकते हैं।
अभी इसी हफ्ते सोमवार को फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। उन्होंने अपने नवजात बच्चे के साथ वक्त गुजारने के लिए दो महीने की पैटरनिटी लीव ली। इसी तरह भारत में भी जॉनसन ऐंड जॉनसन इंडिया ने पिता बनने वाले पुरुषों के लिए पितृत्व अवकाश देने का फैसला किया है। इस नई पहल के बाद पिता बनने पर अब इस कंपनी के एंप्लॉयी 8 हफ्ते यानी 2 महीने तक का पितृत्व अवकाश ले पाएंगे। जॉनसन ऐंड जॉनसन पिछले कई सालों से अपने महिला कर्मचारियों को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश दे रही है।
बदलते वक्त के साथ कई प्राइवेट कंपनियां इसके बारे में सोच रही हैं और पुरुषों को अपने यहां नए पैदा हुए बच्चे के साथ रहने के लिए छुट्टियां दे रही हैं। हालांकि अभी तक कई ऐसी कंपनियां थीं जो पितृत्व अवकाश के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती थीं और महज एक या दो दिन की ही छुट्टी देकर इतिश्री कर लेती थीं। लेकिन अब वे कंपनियां भी औपचारिकता पूरी करने वाली इस पैटरनिटी लीव की जगह पर इसे बढ़ाने की योजना बना रही हैं। कंपनियां अपनी पैटरनिटी लीव पॉलिसी को मजबूत बना रही हैं। जॉनसन ऐंड जॉनसन के एचआर हेड इंद्रजीत सेनगुप्ता ने बताया कि एंप्लॉयी की जिंदगी और और काम में बेहतर तालमेल उनकी पहली प्राथमिकता है।
कंपनी का कहना है कि एक पति के तौर पर भी पुरुष जन्म के शुरुआती सप्ताह में तनाव झेल रही पत्नी को तनाव कम करने में भी मदद कर सकता है। इसी वजह से 8 सप्ताह का पितृत्व अवकाश देने का फैसला किया गया है ताकि हमारे कर्मचारी एक पिता को तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को निभा सके। जॉनसन ऐंड जॉनसन की तरह ही इस साल मार्च में फर्निचर की दिग्गज कंपनी आइकेया ने पुरुष और महिला कर्मचारियों दोनों के लिए 6 महीने की पैरेंटल पॉलिसी शुरू की। इस तरह से महिलाओं को इस चीज के लिए मौका दिया गया, ताकि वे बच्चे के जन्म के बाद ज्यादा जल्दी काम पर वापस लौट पाएं और पिताओं को घर पर ज्यादा जिम्मेदारी निभाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सके।
आइकेया इंडिया में पुरुषों के पैरेंटल लीव की खातिर योग्य होने के लिए जरूरी है कि उनकी पत्नियों को काम पर वापस लौटना होगा। स्वीडन की कंपनी की पॉलिसी सरोगेट्स, सिंगल पैरेंट्स और अडॉप्शंस पर भी लागू होती है। आइकोइया के अलावा माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने अपनी पैटरनिटी लीव को 2 हफ्ते से बढ़ाकर 6 हफ्ते कर दिया। इसमें लीव अलाउंस में अडॉप्शन के जरिए पिता बनना भी शामिल किया गया है। कमिंस इंडिया ने मैन्युफैक्चरिंग फर्मों के बीच एक बेंचमार्क बनाया है और कंपनी ने अपनी पैटरनिटी लीव को बढ़ाकर एक महीना कर दिया है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी मिलती है छुट्टी
देश में केंद्र सरकार के आधीन काम करने वाले कर्मचारियों को भी 15 दिन की छुट्टी दिये जाने का प्रावधान है। हालांकि अपने देश में लेबर लॉ उतना सशक्त नहीं है इसलिए प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता। एक रिसर्च कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक, पैटरनिटी लीव देने वाली कंपनियों की संख्या 2014 में 60 फीसदी थी जो 2016 में बढ़कर 75 फीसदी हो गई।
मर्सर इंडिया के रीवॉर्ड कंसल्टिंग और बेनेफिट्स प्रॉडक्ट के प्रिंसिपल कंगन शेखर के मुताबिक, 'कई कंपनियां 5 दिन जितनी कम छुट्टियां देती हैं, लेकिन कुछ कंपनियां पिता बनने वाले कर्मचारियों को ज्यादा उदार तरीके से काफी छुट्टियां देने में आगे आ रही हैं।' रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया उन टॉप 10 देशों में आता है जहां ऐसी कंपनियों का प्रतिशत सबसे ज्यादा है, जो दुनिया में कानूनी जरूरत से कहीं ज्यादा पैटरनिटी और अडॉप्शन लीव देती हैं। पिछले साल 2016 मेंं जूनिपर नेटवर्क्स के इंडिया सेंटर में पैटरनिटी लीव को 8-9 दिन से बढ़ाकर 16 हफ्ते कर दिया गया, जिसे एंप्लॉयीज बच्चे के जन्म के पहले दो साल में कभी भी ले सकते हैं।
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