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सोशल डिस्टेन्सिंग सुनिश्चित करने के लिए असम राइफल्स ने लोगों में बांटी छतरियाँ

सोशल डिस्टेन्सिंग सुनिश्चित करने के लिए असम राइफल्स ने लोगों में बांटी छतरियाँ

Wednesday July 01, 2020 , 2 min Read

आज जब दुकानों और सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेन्सिंग को लेकर अधिक सतर्कता की आवश्यकता है, ऐसे में अर्धसैनिक बल का यह विचार अतुलनीय है।

(चित्र: असम राइफल्स)

(चित्र: असम राइफल्स)



अनलॉक 1 में भारत सरकार ने पहले के कई प्रतिबंधों में ढील दी है, जिससे लोगों को स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति  मिली है, हालांकि इसमें डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों का पालन आवश्यक है। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच आज देश में ‘सोशल डिस्टेन्सिंग’ नए सामान्य के रूप में सामने आया है।


लोगों को आपस में एक सुरक्षित दूरी बनाए रखने में मदद करने के लिए भारत की सबसे पुरानी अर्धसैनिक इकाई असम राइफल्स मिज़ोरम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और वरिष्ठ नागरिकों को छतरियां वितरित कर रही है।


इस समय दुकानों और सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेनिंग को लेकर अधिक सतर्कता की आवश्यकता है, ऐसे में अर्धसैनिक बल के इस विचार के पीछे का इनोवेशन अतुलनीय है।


यूनिट ने सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए और वर्तमान मानसून के मौसम को ध्यान में रखते हुए आइजोल जिले के न्योपा, मिम्बुंग, कवलबेम, न्यू वैखवत्लंग और ह्नाहलन गांवों में छतरियां बांटी।





इस पहल का उद्देश्य बढ़ रहे संक्रमण की श्रंखला को तोड़ना है और इसे स्थानीय स्तर पर खूब सराहा जा रहा है।


न्यूज़ 18 के अनुसार एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, "निवासियों से सार्वजनिक स्थानों पर स्वेच्छा से छतरी का उपयोग करने का आग्रह किया गया है, जो बिना किसी सचेत प्रयास के स्वतः ही सोशल डिस्टेन्सिंग को सुनिश्चित करेगा।"

इससे पहले मई में केरल के अलाप्पुझा के एक गाँव ने भी लोगों में सोशल डिस्टेन्सिंग बनाए रखने के लिए छतरी बांटने की इसी तरह की पहल लागू की थी। गाँव के नागरिक निकाय ने यह सुनिश्चित किया कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मुफ्त में छतरियां मिलें, जबकि बाकी सभी ने उन्हें सस्ती दर पर प्राप्त किया।