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ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी ने किया मलाला यूसुफजई को सम्मानित

ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी ने किया मलाला यूसुफजई को सम्मानित

Saturday December 08, 2018 , 3 min Read

 मलाला को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर पब्लिक लीडरशिप की तरफ उनके काम के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें हार्वर्ड कैनेडी स्कूल में एक सार्वजनिक समारोह में '2018 ग्लेट्समैन पुरस्कार' प्रदान किया गया।

मलाला यूसुफजई (तस्वीर साभार- Harvard schools)

मलाला यूसुफजई (तस्वीर साभार- Harvard schools)


'इस वक्त दुनियाभर में 13 करोड़ लड़कियां ऐसी हैं जिनके पास सही शिक्षा पाने के समुचित साधन नहीं हैं। इसलिए हम सभी को इसे अपने लिए एक चुनौती समझना चाहिए।' 

सबसे कम उम्र में नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाली पाकिस्तान की गर्ल्स एजुकेशन एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई को एक और अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। मलाला को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर पब्लिक लीडरशिप की तरफ उनके काम के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें हार्वर्ड कैनेडी स्कूल में एक सार्वजनिक समारोह में '2018 ग्लेट्समैन पुरस्कार' प्रदान किया गया। मलाला को 2014 में लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था।

यूनाइटेड नेशन में अमेरिका की तरफ से एंबैस्डर समंता पॉवर ने इस कार्यक्रम का संचालन किया जिसमें मलाला ने भी अपना वक्तव्य पेश किया। उन्होंने कहा, 'इस वक्त दुनियाभर में 13 करोड़ लड़कियां ऐसी हैं जिनके पास सही शिक्षा पाने के समुचित साधन नहीं हैं। इसलिए हम सभी को इसे अपने लिए एक चुनौती समझना चाहिए। हमें उन सभी रूढ़िवादी सोच के लोगों को चुनौती देनी चाहिए जो यह समझते हैं कि लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने का हक नहीं है।'

मलाला ने राजनीतिज्ञों से शरणार्थियों को और खुले दिल से स्वागत करने गुहार लगाई। उन्होंने कहा, 'हमें इंसानियत के नाते शरणार्थियों को अपना समझना चाहिए। वे भी हमारे भाई-बहन हैं।' उन्होंने पर्यावरण संकट का हवाला देते हुए कहा कि हमारी धरती पहले से ही मुश्किलों और संकट का सामना कर रही है। मलाला ने अपने भाषण में अपने पिता का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'मैं जिस माहौल में पली बढ़ी वहां महिलाओं को घर से बाहर निकलना सही नहीं माना जाता था, लेकिन मेरे पिता ने मेरा समर्थन किया।'

कार्यक्रम में बोलतीं मलाला

कार्यक्रम में बोलतीं मलाला


वह आगे कहती हैं, 'वे जानते थे कि लड़कियों के बारे में रूढ़िवादी सोच रखना सही नहीं है। इसलिए उन्होंने खुद को चुनौती दी। उन्होंने मुझे स्कूल भेजा।' मलाला ने कहा कि महिलओं को सशक्त करने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें सिर्फ कुछ दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें जो मिल रहा है उससे देश की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होती है।

मलाला पर 2012 में तालिबानी आतंकवादियों ने हमला किया था। अक्टूबर 2012 में जब वह पाकिस्तान की स्वात घाटी के अपने स्कूल से लौट रही थीं, तब तालिबानी बंदूकधारियों ने उन पर गोली मार दी थी लेकिन वह इस हमले में बच गईं थी। मलाला फिलहाल इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही हैं।

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