सुरक्षित फिनटेक 2.0 का निर्माण: सरकार और RBI का साझा प्रयास
सरकार जोखिम और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए फिनटेक सेक्टर के लिए नए नियम लागू कर रही है. ये सुधार फिनटेक कंपनियों को मजबूत बनाना जारी रखेंगे और यह लंबे समय में फायदेमंद साबित होंगे.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट सिटी में इन्फिनिटी फोरम को संबोधित करते हुए कहा “भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहे फिनटेक बाजारों में से एक है.” हमने पिछले दशक में फिनटेक क्रांति को भारतीय बाजार में धूम मचाते हुए देखा है. मौजूदा समय में 9000 से ज्यादा फिनटेक के साथ भारत की फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी अपनाने की दर आज 87% है जो दुनिया की सबसे तेज एडॉप्शन रेट है.
दुनिया में तीसरे सबसे बड़े फिनटेक इकोसिस्टम के रूप में, भारतीय फिनटेक इंडस्ट्री के मार्केट का आकार 2025 तक 150 अरब डॉलर होने का अनुमान है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि बाकी दुनिया के लिए भारत फिनटेक क्षेत्र में इनोवेशन मॉडल के लिए एक टेम्पलेट तैयार कर रहा है. यह कहना सही है कि भारतीय फिनटेक ने पेमेंट गेटवे और छोटे-टिकट वाले पर्सनल लोन से लेकर बीएनपीएल (बाय नाउ पे लेटर) लेंडिंग, बीमा वितरण आदि जैसे क्षेत्रों में बड़ी हिस्सेदारी हासिल की है. भारत में फिनटेक क्षेत्र में हो रहे विकास की कहानी के पीछे मुख्य वजह बढ़ती डिजिटल आबादी, एडवांस डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) और सक्रिय नियामकों से मिलने वाला सहयोग है.
लेकिन विकास की यह गाथा भारत की फिनटेक वृद्धि का एक चरण है. अनुमान है कि एसएमई लोन, वेल्थ क्रिएशन और फिनटेक एसएएएस (SaaS) जैसे सेक्टर इस ग्रोथ में अहम भूमिका निभाएंगे. लेकिन ऐसा तभी होगा जब जोखिम और सुरक्षा मानकों का पालन करने के साथ-साथ इस सेक्टर में स्थायी मुनाफा और नियामकीय अनुपालन करने वाले मॉडल लागू हों. हाल के कुछ महीनों में, सरकार अनुपालन एवं नियमों को लेकर सख्ती करते हुए फिनटेक 2.0 को बढ़ावा देने के लिए काफी सक्रिय हो गई है.
आरबीआई फिनटेक इंडस्ट्री को कैसे मजबूत कर रहा है?
हमें ये देखने को मिला है कि नियामक ने पिछले कुछ महीनों के दौरान नियमों का सही तरीके से पालन न करने पर एक पेमेंट प्लेटफॉर्म बैंक और एक दूसरे बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. यह लगभग दो साल पहले की बात है जब आरबीआई गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के तीसरे संस्करण में फिनटेक फर्मों को "गवर्नेंस, कारोबारी तरीकों, नियमों के पालन और रिस्क-मिटिगेशन फ्रेमवर्क्स (जोखिम से निपटने के तरीके) पर ध्यान देने" के लिए आगाह किया था. हालांकि, इसके ठीक दो महीने बाद, फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट ने सेंटर फॉर फाइनेंशियल इन्क्लूजन के साथ मिलकर किए गए अपने सर्वे में इस सेक्टर के लिए गवर्नेंस से जुड़े जोखिम की बात कही. आज दो साल बाद, आरबीआई फिनटेक के लिए एक स्व-नियामकीय संगठन स्थापित करने की प्रक्रिया में है. फिनटेक स्टार्टअप फाउंडर्स के साथ हाल ही में हुई बैठक के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में फिनटेक सेक्टर की भूमिका को स्वीकार किया, नियमों के पालन पर जोर दिया और कहा कि नियमों के अनुपालन से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
हालांकि, नियामक और सरकार ने फिनटेक कंपनियों को उनके हाल पर नहीं छोड़ा है. वे फिनटेक को नियमों का अनुपालन करने में सक्षम बनाने के लिए सक्रिय हैं. स्टार्टअप्स और फिनटेक इंडस्ट्री को संबोधित करते हुए अपने एक बयान में वित्त मंत्री ने यह भी कहा, "आरबीआई, इंडस्ट्री और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) और वित्त मंत्रालय सूचीबद्ध फिनटेक कंपनियों के मालिकाना हक या नियंत्रण में बदलाव पर विचार करेंगे ताकि उन्हें नियामक अनुपालन के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम बनाया जा सके." मंत्रालय ने यह भी कहा है कि वित्तीय सेवा विभाग (DFS) इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए फिनटेक इंडस्ट्री और कानून लागू करवाने वाली एजेंसियों के साथ मिलकर वर्कशॉप आयोजित करेगा. नियामकों और आरबीआई को नियमों के अनुपालन के बारे में फिनटेक के सवालों और चिंताओं को दूर करने के लिए हर महीने फिनटेक के साथ बैठकें करनी चाहिए.
नियमों पर निवेशकों का फोकस
निवेशकों ने इन सुधारों पर ध्यान दिया है. हाल ही में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ में निवेशकों ने फिनटेक को नियमों के भीतर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि वे उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करते हैं और वित्तीय समावेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. 3वन4 कैपिटल के सिद्धार्थ पई ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि फिनटेक ने ऐसे प्रोडक्ट बनाए हैं जो ग्राहकों की समस्याओं को हल करते हैं. वह फिनटेक कंपनियां सफल हैं जो न केवल ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर रही हैं बल्कि नियमों का सही तरीके से पालन भी कर रही हैं. उन्होंने कहा, "वित्तीय तंत्र को मजबूत बनाने की बहुत जरूरत है. नियामक को किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में न देखें जिससे आपको लड़ना है. वह आपका दुश्मन नहीं है." सिद्धार्थ पई द्वारा व्यक्त की गई यह भावना सही है और फिनटेक इंडस्ट्री के लिए इस नजरिये से सहमत होना जरूरी है.
बदलाव को अपनाएं
नियमों एवं जरूरतों को बोझ के रूप में देखने के बजाय, सरकार के फिनटेक से संबंधित नियमों को एक मजबूत फाइनेंशियल इकोसिस्टम की जरूरत के रूप में देखने की आवश्यकता है. अगर हम नियम-कायदों का पालन नहीं करते हैं तो इस सेक्टर में सतत् विकास हासिल करना संभव नहीं है. इस सेक्टर के विकास के लिए हमें यह पक्का करना होगा कि ग्राहकों का डेटा सुरक्षित है और नियमों के पालन में कोई भी कमी नहीं है. दुनिया ने देखा है कि चीन में नियमों में कमजोरी के चलते किस तरह से P2P लेंडिंग सेक्टर विफल हो गया.
फिनटेक को गवर्नेंस और कॉम्प्लायंस को जरूर अपनाना चाहिए और इसे बिजनेस मॉडल का हिस्सा बनाना चाहिए. मजबूत कॉम्प्लायंस सिस्टम में निवेश आवश्यक है. खासकर जब बाजार तेजी से विस्तार कर रहा हो तो यह और जरूरी हो जाता है. इस सेक्टर को मजबूती देने और निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के अगले कदम के रूप में हमें सेक्टर से जुड़े नियमों ओर कानूनों में पाई जाने वाली कमियों को पहचानना होगा और इनको दूर करने के लिए सक्रिय प्रयास करना होगा. यह आगे वैश्विक स्तर पर फिनटेक लीडर के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने का तरीका है.
(लेखिका Religare की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखिका के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by रविकांत पारीक