बनारस की सड़कों पर दौड़ती है इनकी बाइक एंबुलेंस, अब तक हजारों घायलों को पहुंचा चुके हैं मदद
बनारस की सड़कों पर हादसे में घायल हुए लोगों को प्राथमिक उपचार देने के लिए अमन यादव अक्सर सबसे पहले पहुंचने वाले व्यक्ति होते हैं। अपनी बाइक एम्बुलेंस पर फ़र्स्ट एड किट लेकर चलने वाले अमन अब तक सड़कों पर हजारों घायल लोगों को प्राथमिक उपचार देकर उन्हे अस्पताल पहुंचाने का काम कर चुके हैं।
इतना ही नहीं अमन गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलवाने के साथ लवारिश लाशों के अंतिम संस्कार करने की भी ज़िम्मेदारी अपने सिर लेकर चलते हैं।
ऐसे हुई शुरुआत
योरस्टोरी के साथ हुई खास बातचीत में अमन ने अपनी इस यात्रा और अपने इस नेक काम के बारे में खुलकर बात की है। अमन का बचपन से ही समाजसेवा की ओर झुकाव अधिक था और उन्होने 2007 में एक महिला की गंगा घाट पर जान बचाई थी।
इस घटना को याद करते हुए अमन बताते हैं,
“वो महिला अपने अकेलेपन से परेशान थी और अपनी जान देना चाहती थी। उसने बताया कि उसके परिवार के सभी सदस्य विदेश में रहते हैं और इस वजह पनपे अकेलेपन से वो परेशान रहती है। मैंने ना सिर्फ उस महिला की जान बचाई, बल्कि कई दिनों तक उनकी सेवा भी की। यहीं से मुझे ये काम करते रहने की प्रेरणा मिली। ”
अमन बताते हैं कि उस समय वाराणसी के अस्पतालों की हालत काफी दयनीय थी और जब एक बार वे अस्पताल परिसर गए तो वहाँ मरीजों की हालत देखकर विचलित हो उठे।
अमन कहते हैं,
“वो स्थिति देखकर मैंने संकल्प ले लिया कि मैं इस तरह से परेशान लोगों के लिए कुछ प्रभावी काम करूंगा। मैंने रोजाना डॉक्टर, अधिकारियों और मंत्रियों को इस संबंध में पत्र लिखने शुरू कर दिए।”
लोगों के सुझाव पर अमन अपने साथ प्राथमिक उपचार से संबन्धित कुछ दवाएं लेकर भी चलने लगे ताकि सड़क पर घायल व्यक्ति को फौरन प्राथमिक उपचार मुहैया कराया जा सके।
अमन इसी के साथ लवारिश लाशों का अंतिम संस्कार भी करते हैं। अमन के अनुसार ‘जिन लोगों का कोई नहीं होता है वो उनका बेटा बनकर फर्ज़ अदा करते हैं।’ अमन बनारस के घाटों पर सैकड़ों लोगों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।
अमन के इस काम को देखते हुए साल 2015 में उन्हे शहर के एक व्यापारी ने बाइक दे दी थी, जिसके जरिये अमन अब कम समय में लोगों तक मदद लेकर पहुँच जाते हैं। अमन की बाइक में प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी दवाएं और मरहम-पट्टी आदि सब मौजूद होता है।
आज हैं हजारों अमन
अमन के साथ कई अन्य युवा भी जुड़े और अमन ने उन्हे प्रशिक्षण देकर इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। अमन कहते हैं कि आज वाराणसी के लोगों में जागरूकता आ चुकी है। लोग घायल व्यक्ति को देखकर उसे अस्पताल पहुंचाने का काम करते हैं। उनके अनुसार आज बनारस में हजारों अमन हैं।
वित्तीय सहायता का जिक्र करते हुए अमन ने बताया कि लोग इस काम में उनका सहयोग करते हैं और उन्हे आर्थिक मदद मुहैया कराते हैं। हालांकि शुरुआत में अमन अपने जेब खर्च से ये काम करते थे, लेकिन दायरा बढ़ने के साथ अब अमन के लिए उस तरह से इस काम को करना संभव नहीं है।
वो कहते हैं,
“आज मुझे किसी की मदद के लिए जितने धन की आवश्यकता होती है मैं लोगों से उतनी राशि का ही आग्रह करता हूँ।”
अमन ने इस बातचीत में ऐसे कई मामलों का जिक्र किया जब उन्होने पैसे इकट्ठे कर गंभीर रूप से घायल व जरूरतमंद लोगों के इलाज का इंतजाम किया है।
आज अमन बनारस में भटके हुए घायल लोगों को उनके परिवारों से मिलवाने का भी काम करते हैं। अमन के अनुसार अब तक वो 16 राज्यों के लोगों को उनके परिजनों से मिलवा चुके हैं। इसके लिए अमन प्रशासनिक मदद के साथ ही सोशल मीडिया का सहारा भी लेते हैं।
अमन ने लोगों की मदद के लिए '8687553080' ये नंबर भी जारी किया है, जिसके जरिये लोग उन्हे वाराणसी में मदद के लिए सूचित कर सकते हैं।