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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावा देश के इन बड़े इंफ्रा प्रॉजेक्ट पर भी काम कर रहा है टाटा ग्रुप

टाटा ग्रुप की टाटा प्रोजेक्ट्स देश में कुछ अहम व बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निर्माण की जिम्मेदारी लिए हुए है.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावा देश के इन बड़े इंफ्रा प्रॉजेक्ट पर भी काम कर रहा है टाटा ग्रुप

Sunday June 05, 2022 , 3 min Read

उत्तर प्रदेश के जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) बनने जा रहा है. यह सिर्फ भारत का ही नहीं, बल्कि एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी अब टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स (Tata Projects) के कंधों पर है. कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत टाटा प्रोजेक्ट्स हवाईअड्डे पर टर्मिनल, रनवे, एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़कों, यूटिलिटीज और अन्य सहायक भवनों का निर्माण करेगी.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा बड़ा इंफ्रा प्रोजेक्ट नहीं है, जो टाटा ग्रुप को सौंपा गया हो. टाटा ग्रुप की टाटा प्रोजेक्ट्स देश में कुछ और अहम व बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निर्माण की जिम्मेदारी लिए हुए है. आइए जानते हैं कौन से हैं वे बड़े प्रोजेक्ट...

नया संसद भवन

दिल्ली में नए संसद भवन का निर्माण कार्य पूरा करने की समय सीमा में अब केवल पांच महीने रह गए हैं. इसे नवंबर तक पूरा करने के लिए निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नए संसद भवन की नींव रखी थी, जिसमें विभिन्न आधुनिक सुविधाएं होंगी. इस भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स कर रही है. नया संसद भवन, ‘सेंट्रल विस्टा’ पुनर्विकास परियोजना के तहत बन रहा है. यह संसद भवन पहले से बिल्कुल अलग होगा और इसे नई तकनीक के आधार पर बनाया जा रहा है. यह बिल्डिंग पूरी तरह से भूकंपरोधी होगी और मौजूदा संसद भवन से बड़ी होगी. इसमें सारा काम पेपरलेस होगा. इस संसद भवन पर आने वाला कुल खर्च 971 करोड़ रुपये होगा.

मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक

मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक प्रोजेक्ट, मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ेगा. इस ट्रांस-हार्बर लिंक के कुछ हिस्से को डिजाइन करने और उसे बनाने की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट्स और साउथ कोरिया की कंपनी Daewoo E&C के जॉइंट वेंचर को मिली है. इस जॉइंट वेंचर के जिम्मे जो पैकेज आया है, उसमें नवी मुंबई में शिवाजी नगर इंटरचेंज समेत मुंबई बे में 7.8 किमी लंबे ब्रिज सेक्शन का निर्माण भी शामिल है. पूरे ट्रांसहार्बर लिंक की लंबाई 22 किलोमीटर है. 16.5 किलोमीटर हिस्सा सागर में पुल के रूप में होगा, जबकि 5.5 किलोमीटर जमीन पर होगा.

इन प्रोजेक्ट्स की भी कमान है हाथ में

इसके अलावा टाटा प्रोजेक्ट्स डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स के कई स्ट्रेचेस के निर्माण कार्य में भी शामिल है. मुंबई, पुणे, दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद और चेन्नई जैसे शहरों में मेट्रो रेल लाइन्स के ​कंस्ट्रक्शन के काम में भी टाटा प्रोजेक्ट्स है. इतना ही नहीं देश में प्रयागराज एयरपोर्ट टर्मिनल भी टाटा प्रोजेक्ट्स ने ही बनाया है. कंपनी ने इसे 11 महीनों के रिकॉर्ड वक्त में तैयार किया था.