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100Unicorns ने 200 मिलियन डॉलर के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया फंड II

भारत के सबसे बड़े अर्ली स्टेज के एक्सेलेरेटर फंड ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की बढ़ती जरूरतों के साथ तालमेल बिठाने के लिए अपने विजन का विस्तार किया है. भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में 2030 तक दस लाख स्टार्टअप होने की संभावना है. अगले दशक में 200 से अधिक स्टार्टअप को सपोर्ट करने का लक्ष्य है.

भारत के अग्रणी अर्ली-स्टेज के एक्सेलेरेटर फंड 9Unicorns ने रीब्रांडिंग के बाद अपने फंड II को लॉन्च करने की घोषणा की है. इस रीब्रांडिंग प्रक्रिया के चलते, 9Unicorns को अब 100Unicorns के नाम से जाना जाएगा.

100Unicorns, भारत की सबसे बड़ी मल्टीस्टेज निवेश फर्म वेंचर कैटालिस्ट्स ग्रुप का एक हिस्सा है. इसने 100Unicorns फंड II नाम से अपना दूसरा एक्सेलेरेटर फंड लॉन्च किया है. इस फंड का टारगेट साइज 200 मिलियन डॉलर है. इसमें 100 मिलियन डॉलर का ग्रीन-शू ऑप्शन भी शामिल है. यह लॉन्च भारत में बनने वाले 200 चैंलेजर स्टार्टअप की अगली पीढ़ी के विकास को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग की सुविधा देने के उद्देशय से किया गया है.

यह रणनीतिक कदम नई कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 100Unicorns के नजरिए का प्रमाण है. यह लॉन्च अंतरराष्ट्रीय फंडिंग पर निर्भरता को कम करके भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक बड़े बदलाव की शुरुआत का भी प्रतीक है. भारतीय स्टार्टअप और उद्यमी अब देश के कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने के लिए अपने स्वयं के इकोसिस्टम के भीतर ही आसानी और शीघ्रता से फंडिंग हासिल कर सकेंगे. 

अपने पहले फंड में, 100Unicorns फंड I (पूर्व में 9Unicorns) ने कई अभिनव स्टार्टअप्स में निवेश किया था. ये स्टार्टअप्स मल्टी-बैगर सफलता की गाथा बन गए. वीडियोवर्स, ट्रुनेटिव, ज़िपइलेक्ट्रिक, रेनी कॉस्मेटिक्स और आईजीपी इसके उदाहरण हैं. ये सभी अपने संबंधित डोमेन में लीडर के रूप में उभरे हैं.

वेंचर कैटालिस्ट्स ग्रुप के प्रबंध निदेशक और 100Unicorns के को-फाउंडर डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा ने कहा, “100Unicorns की रीब्रांडिंग हमारी विकास प्रक्रिया का अगला कदम है. हमने पिछले कुछ सालों में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में जोरदार ग्रोथ और बड़े पैमाने पर फंड आते देखा है. भारत को 3-4 दशकों तक एक आईटी आउटसोर्सिंग देश माना जाता था, लेकिन पिछले 10 सालों में भारत बड़ी अरबों डॉलर की कंपनियों के ग्रुप में ग्लोबल लीडर के रूप में उभरा है. मेरा पक्का विश्वास है कि भारत अगले 10 सालों में 'स्टार्टअप नेशन' के रूप में उभरेगा, जिसमें सबसे अधिक संख्या में उद्यमी, सबसे अधिक संख्या में यूनिकॉर्न और सबसे ज्यादा रोजगार स्टार्टअप द्वारा सृजित होंगे. आज, भारत के लोग स्पेस टेक, बायोटेक, इलेक्ट्रिक व्हीकल और क्लीनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों में शानदार आइडिया के साथ आगे बढ़ रहे हैं. इस उत्साहजनक माहौल को देखते हुए हम 200 मिलियन डॉलर का फंड लॉन्च करने के इस अगले कदम को लेकर उत्साहित हैं जो हमें भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की जरूरतों के अनुरूप बनाता है.”

नए फंड के साथ, डॉ. शर्मा का लक्ष्य 200 बाहरी स्टार्टअप के एक समूह को वित्तीय सहायता देना और उन्हें अगले एक दशक में अरबों डॉलर के क्लब में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है.

एक्सेलेरेटर फंड, एक्सटेंसिव प्रोडक्ट, बिजनेसेज और फंड रेजिंग सपोर्ट के साथ-साथ पहले दौर में प्रति स्टार्टअप 300,000 अमेरिकी डॉलर से लेकर 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक की फंडिंग सुविधा प्रदान करता है. इसके बाद को-इन्वेस्टरों के साथ अगले दौर में 500,000 अमेरिकी डॉलर से 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का निवेश किया जाता है.

यह रीब्रांडिंग भारतीय स्टार्टअप इकोनॉमी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी. भारत में 2015 और 2022 के बीच स्टार्टअप फंडिंग में 15 गुना उछाल दर्ज किया गया है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक भारत अब 110,000 से ज्यादा स्टार्टअप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. देश में इस समय 350 अरब अमेरिकी डॉलर के वैल्युएशन के साथ 111 यूनिकॉर्न हैं.   

100Unicorns के पार्टनर राजेश माने ने कहा, “100Unicorns ने सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप संस्थापकों की पहचान करने और उनकी यात्रा के हर कदम पर उन्हें सही सपोर्ट के साथ मजबूत बनाने के अपने मॉडल को सही साबित किया है. हमने ग्रोथ और फंड रेजिंग पर फोकस के साथ स्टार्टअप्स के लिए सपोर्ट संस्थागत रूप दिया है.”

100Unicorns ने डीडे और प्रोस्‍टार जैसी पहलों के जरिए स्टार्टअप इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ये 80 से अधिक स्टार्टअप्स के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम कर रहे हैं. इन्होंने कुल मिलाकर 400 मिलियन डॉलर से ज्यादा की फंडिंग हासिल की है.

इसके अलावा, सिंगापुर, मध्य पूर्व और अफ्रीका में हुए 27 से ज्यादा ग्लोबल रोड शो ने सफलतापूर्वक 50 से ज्यादा पोर्टफोलियो कंपनियों के लिए बाजार विस्तार के रास्ते खोले हैं.

इसके अलावा 100Unicorns ने विज़िटिंग भागीदारों के साथ ऑन-साइट जुड़ाव और निवेश समिति (आईसी) के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी जैसे अपने खास तरीकों से 30 से ज्यादा स्टार्टअप को अपनी रणनीतियों को मजबूत करने और ग्लोबल प्लेटफार्म पर उत्पादों को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के लिए मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

100Unicorns ने अपने पहले फंड के जरिए 14,000 से ज्यादा स्टार्टअप का रिव्यू किया और 140 से ज्यादा डील्स में निवेश किया है.

100Unicorns के पार्टनर अंकित जैन ने कहा कि 100Unicorns का टियर 2/3 शहरों के स्टार्टअप्स को सपोर्ट देने, ग्लोबल नजरिए के साथ स्थानीय समस्याओं को हल करने वाले फाउंडर्स का सपोर्ट करने और जलवायु-तकनीक/स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने का शुरुआती लक्ष्य पिछले 4 सालों में सही साबित हुआ है. नए फंड के साथ, हम एक इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम बनाने और शुरुआती चरण के स्टार्टअप को अपने कैटेगरी का लीडर बनने के लिए मार्ग प्रशस्त करने पर फोकस करने की रणनीति पर काम करेंगे.

2020 में, केवल 10% स्टार्टअप टियर 2/3 शहरों से थे. हालांकि DPIIT के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में यह संख्या 50% तक बढ़ गई है. 100Unicorns ने अपने पिछले फंड के जरिए अंबाला से एलो फ्रूट, सिलवासा से मायफिटनेस और अहमदाबाद से रेनी कॉस्मेटिक्स जैसे स्टार्टअप को लगातार फंड दिया है.

आज, भारतीय SaaS एंटरप्राइज ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर लीडर के रूप में अपना दावा पेश कर रहे हैं. शुरुआती स्टेज की फंडिंग के लिए 100Unicorns की प्रतिबद्धता VideoVerse, Assiduus और Convin जैसी कंपनियों की सफलता से स्पष्ट है. फंड के पोर्टफोलियो में टेक्‍नोलॉजी के अलावा जलवायु के प्रति जागरूक कंपनियां जैसे ज़िप इलेक्ट्रिक और ब्लू स्मार्ट भी शामिल है जिन्होंने न केवल खुद को देश के जाने माने नामों के रूप में स्थापित किया है, बल्कि पर्यावरण सुधार में बड़ी भूमिका निभाई है. इन्होंने CO2 उत्सर्जन में 75 मिलियन किलोग्राम की कटौती की बड़ी कटौती की है. 

वर्तमान में इसके पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियों में से 12% डीपटेक हैं, 22% का नेतृत्व महिलाएं करती हैं और 20% छोटे शहरों से हैं! 100Unicorns के 200 मिलियन डॉलर के फंड के साथ, हमारा लक्ष्य इस काम को 100 गुना तक बढ़ाने का है.

2024 तक, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में जोरदार ग्रोथ हुई है. एक अनुमान के मुताबिक 2030 तक भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम फलता-फूलता रहेगा. अनुमानों के मुताबिक इसस अवधि में देश में दस लाख से ज्यादा स्टार्टअप और 1000 से ज्यादा यूनिकॉर्न बनेंगे. इस ग्रोथ का श्रेय अनुकूल सरकारी नीतियों, बढ़ती तकनीक पसंद करने वाली आबादी और बढ़ते निवेश जैसे कारकों को होगा.

फंड किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को आकार देने में इनक्यूबेटर्स और एक्सेलेरेटर के महत्व को भी दोहराता है. उदाहरण के लिए, एक्सेलेरेटर्स ने संयुक्त राज्य अमेरिका को स्टार्टअप सेक्टर में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

अंकित [जैन] ने आगे कहा, “100Unicorns सफलता के लिए डिज़ाइन किए गए इकोसिस्टम को विकसित करने की कोशिश में शामिल है. हमारा उद्देश्य भारत में एक टॉप लेवल एक्सेलेरेटर के रूप में अग्रणी भूमिका निभाना है, एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देना है जहां उभरते स्टार्टअप ग्लोबल बाजार में सफलता और लीडरशिप के लिए तैयार हों.”

इस उम्मीद के साथ, 100Unicorns भारत में शुरुआती चरण के फंडिंग के अंतर को कम करने और उच्च गुणवत्ता वाले स्टार्टअप में निवेश करने पर फोकस करेगा. निवेशक बाजार के ग्रोथ के बावजूद, केवल 0.13% भारतीय स्टार्टअप किसी तरह से शुरुआती फंडिंग जुटाने में कामयाब होते हैं. 200 मिलियन डॉलर के आगामी फंड II के साथ उम्मीद है कि 100Unicorns भारतीय सीड फंडिंग सेक्टर में मौजूद गैप का फायदा उठाने में कामयाब रहेगा.

वैश्विक एलपी द्वारा समर्थित, 100Unicorns की यूएसपी इस तथ्य में निहित है कि यह स्टार्टअप्स को महानगरों से परे छोटे शहरों में अपने विशाल भारतीय कारोबारी समूह में कदम रखने की सहूलियत देता है, जिससे उन्हें तुरंत पूरे भारत में विस्तार करने में मदद मिलती है. यह सीधे तौर पर अपने इकोसिस्टम में 5500 से ज्यादा निवेशकों, फाउंडरों और एक्जीक्यूटिव्स के पहले से मौजूद नेटवर्क का फायदा उठाकर स्टार्टअप के लिए शुरुआती ग्राहक, डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनरशिप, क्रॉस-पोर्टफोलियो तालमेल की सहूलियत देता है.

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