जानें, कैसे पुनीत पाण्डे ने ग्रीन कार्ड का मोह छोड़ बनाया दुनिया का सबसे बड़ा ज्योतिष वेबसाइट.
पुनीत अमेरिका गए तो थे एक वरिष्ठ सॉफ़्टवेअर इंजीनियर के तौर पर, लेकिन फिल्म 'स्वदेस' के शाहरुख़ ख़ान की तरह उनका दिल हमेशा भारत के लिए धड़कता था। ख़ास तौर पर वे ज्योतिष, योग और आयुर्वेद के लिए कुछ करना चाहते थे। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वे ग्रीन कार्ड छोड़कर भारत वापस आ गए और शुरु किया अपना स्टार्टअप। आज उनका बनाया वेबसाइट http://www.astrosage.com दुनिया का सबसे बड़ा ज्योतिषीय वेबसाइट है और उनके ऐप 'एस्ट्रोसेज कुंडली' को क़रीब 50 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं।
आगरा में पैदा हुए पुनीत ने अपनी ज़्यादातर पढ़ाई उत्तर भारत के एक छोटे-से क़स्बे औरैया से की। यह चंबल का वही इलाक़ा है जिसे डकैतों से जुड़ी कहानियों के लिए जाना जाता है। वहाँ से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद वे आगरा लौट आए और एमसीएम की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के बाद पुनीत ने अलग-अलग आईटी कंपनियों में काम किया और एक बेहतर मौका मिलने पर वे अमेरिका चले गए। अमेरिका में उन्हें तमाम सुख सुविधाएं मिली। पुनीत ग्रीन कार्ड के लिए अपनी पात्रता साबित कर दी और उन्हें मिल भी गई।
जल्दी ही उनकी तकनीकी क्षमताओं का लोहा अमेरिका में भी माना जाने लगा और नतीजा ये निकला कि वे JSR-286 के सदस्य बना दिए गए। दरअस्ल यह जावा एक्सपर्ट ग्रुप की वह कमेटी है जो जावा के लिए स्पेसिफ़िकेशन तय करता है। यही ग्रुप जावा में आने वाले बदलावों के लिए ज़िम्मेदार होता है। उस दौरान आई पोर्टलेट टेक्नोलॉजी के शीर्ष जानकारों में भी वे शुमार थे और उन्होंने बोइंग, अमेरिकन आर्मी और जॉन डिअर जैसी कई बड़ी कंपनियों के साथ इस तकनीक के इंप्लीमेंटेशन में काम किया। लेकिन अमेरिका में मिली सारी सफलता के बावजूद भी पुनीत का दिल वहां नहीं लग रहा था। उनके मन में ऐसा कुछ करने की इच्छा प्रबल हो रही थी जिससे भारत का नाम ऊँचा किया जा सके। उनका दिल यह सब छोड़कर भारत वापसी का ख़्वाब बुन रहा था।
जल्दी ही पुनीत अमेरिका को अलविदा कहकर स्वदेश आ गए। चूंकि अबतक पुनीत का ज्ञान संसार काफी बड़ा हो चुका था इसलिए वो उन तमाम चीज़ों को हासिल करने में सक्षम थे जिसके सपने वो बचपन से देखते थे। ज्योतिष और योग जैसे विषयों में पुनीत की बचपन से गहरी दिलचस्पी थी। इसलिए उन्होंने तय किया कि अब ज्योतिष को विज्ञान की कसौटी पर कसकर तकनीक के ज़रिए आम लोगों तक पहुँचाना ही उनका काम है। अपने इस फ़ैसले पर बात करते हुए पुनीत ने योर स्टोरी को बताया,
“एक ज़माने में जिस तरह योग और आयुर्वेद को अंधविश्वास के तौर पर देखा जाता था, ज्योतिष का हाल अभी भी वही है। समय के साथ योग, आयुर्वेद जैसे विषयों को वैज्ञानिक तौर पर प्रामाणिकता मिल गयी; इसी वजह से ये विषय लोगों के बीच पैठ बनाने में क़ामयाब रहे। लेकिन ज्योतिष के क्षेत्र में ऐसा काम कोई नहीं कर रहा था। मैं चाहता था कि ज्योतिष को भी वैज्ञानिक तरीक़ों से परखा जाए। अगर नतीजे सही निकलें तो तकनीक के ज़रिए इसकी ताक़त को आम लोगों तक पहुँचाया जाए। यही ध्यान में रखकर मैंने http://www.astrosage.com की शुरुआत की।”
इस तरह अमेरिका से वापसी के बाद 2008 में उन्होंने अपने छोटे भाई प्रतीक पाण्डे के साथ ओजस सॉफ़्टेक प्रा. लि. नाम से कंपनी बनायी। चूँकि उनका मक़सद ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक ज्योतिष का लाभ पहुँचाना था, इसलिए उन्होंने एस्ट्रोसेज पर तक़रीबन हर सेवा को पूरी तरह मुफ़्त रखा। धीरे-धीरे इस साइट की लोकप्रियता बढ़ती गई और कुछ ही वक़्त में एस्ट्रोसेज भारत की सबसे बड़ी ज्योतिषीय वेबसाइट बन गयी।
इस दौर तक आते-आते आम लोगों तक ज्योतिष को पहुँचाना और ज्योतिष व तकनीक के माध्यम से लोगों की मदद करना पुनीत का मिशन बन चुका था। उन्होंने देखा कि कंप्यूटर सिर्फ़ चन्द लोगों की पहुँच में है जबकि मोबाइल फ़ोन हर किसी के पास हैं। साथ ही 2001 से मोबाइल तकनीक में काम करने का अनुभव उनके पास था। पाम पीडीए के लिए भी वे 2001 में ज्योतिष की ऐप बना चुके थे। लिहाज़ा उन्होंने एंड्रॉइड, आईफ़ोन और विंडोज़ फ़ोन के लिए “एस्ट्रोसेज कुंडली” नाम से ऐप उतारी, जिसे जनता ने हाथो-हाथ लिया। इस ऐप के अब लगभग 5 मिलियन डाउनलोड्स हैं और यह भारतीय ज्योतिष की सबसे बड़ी ऐप है। इस बारे में योर स्टोरी से बात करते हुए पुनीत कहते हैं
“शायद हम उन शुरुआती लोगों में से हैं जिन्होंने स्मार्ट फ़ोन की ताक़त को समझ लिया था। 2008 में मुझे महसूस हुआ कि अगर एंड्रॉइड और आईफ़ोन के लिए ऍप बनाई जाए तो ज्योतिष की शक्ति को आम लोगों की जेब में पहुँचाया जा सकता है। इसी ख़्याल के साथ शुरू हुई थी ’एस्ट्रोसेज कुंडली’ ऐप। अब आलम यह है कि वेब की बजाय मोबाइल ऐप से हमारे पास ज़्यादा ट्रैफ़िक आता है।”
मोबाइल क्रान्ति के पीठ पर सवार होकर एस्ट्रोसेज ने हाल में सिलीकॉन वेली बेस्ड हॉरोस्कोप.कॉम को भी पीछे छोड़ दिया है और अब यह ज्योतिष के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट बन गयी है। वेबसाइट रेटिंग देने वाली सेवा एलेक्सा के मुताबिक़ http://www.astrosage.com की ग्लोबल रेंकिंग 6094 है, जबकि इससे पहले सबसे बड़ी ज्योतिषीय वेबसाइट मानी जाने वाली हॉरोस्कोप.कॉम की रेंकिंग 6243 है। इसका मतलब यह है कि वैश्विक तौर पर अब एस्ट्रोसेज लगभग 150 स्थान आगे है और इस समय दुनिया में यह ज्योतिष के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम है।
एस्ट्रोसेज के आंकड़े ख़ुद पुनीत की सफलता की कहानी बयान करते हैं। साइट के क़रीब 30 लाख डेली हिट्स हैं और रोज़ाना लगभग 5 लाख लोग इस साइट पर अपनी ज्योतिषीय जिज्ञासाओं के समाधान के लिए आते हैं। अब एस्ट्रोसेज पर हर रोज़ 1.5 लाख जन्म-कुंडलियाँ बनाई जाती हैं। साथ ही शादी के लिए किए जाने वाले आनलाइन गुण-मिलान का 80 फ़ीसदी इसके ज़रिए ही होता है। ग्लोबल स्केल पर ज्योतिष के क्षेत्र में ऐसी क़ामयाबी हासिल करने का श्रेय पुनीत कड़ी मेहनत और नयी सोच को देते हैं।
एस्ट्रोसेज के इस सफ़र में सबसे ख़ास बात यह रही कि कंपनी ने इस दौरान कभी भी फ़ंडिंग नहीं ली। कंपनी की इस व्यावसायिक रणनीति पर रोशनी डालते हुए प्रतीक कहते हैं,
“हम देश के उन चंद स्टार्ट-अप्स में से हैं जो पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड हैं। हमने कभी कोई फ़ंडिंग नहीं ली है और हम प्रॉफ़िटेबल भी हैं। अगर आपके पास विज़न है और आप ऐसा प्रोडक्ट बनाते हैं जो आम लोगों की ज़िन्दगी को छू सके, उनके लिए मददगार साबित हो सके, तो बाक़ी चीज़ें मसलन प्रोफ़िटेबिलिटी वग़ैरह ख़ुद-ब-ख़ुद हासिल हो जाती हैं।”
पुनीत अपनी इन उपलब्धियों से ख़ुश ज़रूर हैं, लेकिन संतुष्ट नहीं। दार्शनिक अंदाज़ में वे कहते हैं –
“अभी यह सिर्फ़ शुरुआत भर है और एस्ट्रोसेज को बहुत दूर तक जाना है। हमें सड़क पर चलते आम इंसान के जीवन को थोड़ा आसान बनाना है, घर में बैठी महिला की मुश्किलें हल करनी हैं, स्टूडेंट्स की परफ़ॉर्मेंस सुधारनी है और नौकरीपेशा लोगों की उलझनों को सुलझाना है। हमने महज़ पहला क़दम लिया है। रास्ता बहुत लंबा है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि हमें अपने मिशन में क़ामयाबी ज़रूर मिलेगी।”
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