Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

मिलिए उस वृद्ध दंपती से जिसने मेंटल हेल्थ सेंटर खोलने के लिए दान कर दी 3.5 करोड़ की प्रॉपर्टी

केरल के वृद्ध दंपती कमलासन और सरोजिनी ने अपनी 3.5 करोड़ की बेशकीमती जमीन क्यों दान कर दी राज्य सरकार को?

मिलिए उस वृद्ध दंपती से जिसने मेंटल हेल्थ सेंटर खोलने के लिए दान कर दी 3.5 करोड़ की प्रॉपर्टी

Wednesday June 20, 2018 , 4 min Read

यह जमीन अब केरल सरकार के सामाजिक न्याय विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है। अब सरकार इस घर को मानसिक बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए सुधार गृह बनाएगी। इसका नाम 'प्रिया होम फॉर मेंटली चैलेंज्ड वूमन' रखा जाएगा। 

अपनी बेटी के साथ कमलासन और सरोजिनी

अपनी बेटी के साथ कमलासन और सरोजिनी


कमलासन कहते हैं कि हमारे समाज में कई सारी ऐसी स्त्रियां हैं जिनकी हालत उनकी बेटी से भी बुरी है। वे कहते हैं कि उन्हें जितनी चिंता अपनी बेटी की है उतनी ही चिंता बाकी ऐसी स्त्रियों की भी है।

केरल के वृद्ध दंपती कमलासन और सरोजिनी ने अपनी 3.5 करोड़ की बेशकीमती जमीन राज्य सरकार को दान कर दी है। यह संपत्ति अब मानसिक रूप से अक्षम और बौद्धिक अक्षमता से प्रभावित लोगों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। द न्यूजमिनट के मुताबिक कमलासन और सरोजिनी का दोमंजिला घर पूर्वी नडवक्कवू इलाके में 5800 स्क्वॉयर फीट बड़ी जगह में बना है। वामपंथी विचारधारा की ओर झुकाव रखने वाले ये दंपती इस विचारधारा को ही अपने जीवन का अंदाज मानते हैं। यही वजह है कि इतने बड़े घर में भी नाममात्र की चीजें रखी हुई हैं।

उनकी एक 38 साल की बेटी प्रिया भी है जो कि 12 साल की उम्र से ही सीजोफ्रेनिया से ग्रसित है। कमलासन की उम्र 77 हो गई है वहीं सरोजिनी उम्र के 71वें पड़ाव पर हैं। उन्हें चिंता हो रही थी कि उनके बाद प्रिया का ख्याल कौन रखेगा। कमलासन कहते हैं, 'हम अपनी बेटी को प्राइवेट केयर टेकिंग संस्थान में भेज सकते हैं लेकिन हमें उन पर भरोसा नहीं है। मैंने अपने कुछ रिश्तेदारों से भी पूछा कि क्या वे प्रिया की देखभाल कर सकते हैं। लेकिन सब की नजर मेरी प्रॉपर्टी पर थी, बेटी का ख्याल कोई नहीं रखना चाहता।'

इसीलिए दोनों ने केरला सरकार से संपर्क किया और अपनी प्रॉपर्टी पर मानसिक अक्षम लोगों के लिए सेंटर बनाने की गुजारिश की। उनका मानना था कि अगर उनके घर पर ऐसा सेंटर बन जाएगा तो उसमें तमाम और ऐसे लोगों की तरह प्रिया को भी रहने को ठिकाना मिल जाएगा और वहां उसकी देखभाल करने वाले लोग भी होंगे। सरोजिनी के पिता मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के स्टेट सेक्रेटरी थे। यही वजह है कि कमलासन और सरोजिनी दोनों वामपंथी विचारधारा को मानने वाले हैं। वे कहते हैं कि हमने अपनी जिंदगी सादगी से जी और अब अपनी संपत्ति को सरकार को दान कर दे रहे हैं।

इसी जून महीने की 8 तारीख को उन्होंने सारी कागजी कार्रवाई संपन्न करते हुए कोझिकोड जिले के कोल्लम में अपनी प्रॉपर्टी दान कर दी। यह जमीन अब केरल सरकार के सामाजिक न्याय विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है। अब सरकार इस घर को मानसिक बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए सुधार गृह बनाएगी। इसका नाम 'प्रिया होम फॉर मेंटली चैलेंज्ड वूमन' रखा जाएगा। वृद्ध दंपती का कहना है कि वे इस जगह को अपनी बेटी के साथ ही कई ऐसी महिलाओं को समर्पित करना चाहते हैं जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य की वजह से परिवार से निष्कासित कर दिया जाता है। या उनकी ठीक से देखभाल नहीं की जाती।

सरोजिनी कहती हैं कि लोग लड़कियों से ज्यादा लड़कों का ख्याल रखते हैं। उन्होंने कहा, 'हम अपनी आखिरी सांस तक प्रिया की देखभाल करेंगे। उसके बाद इस सेंटर में उसकी देखरेख होगी। उसे हमारी पेंशन भी मिलती रहेगी। जिसका इस्तेमाल वह अपनी इच्छा के मुताबिक कर सकेगी।' कमलासन कहते हैं कि हमारे समाज में कई सारी ऐसी स्त्रियां हैं जिनकी हालत उनकी बेटी से भी बुरी है। वे कहते हैं कि उन्हें जितनी चिंता अपनी बेटी की है उतनी ही चिंता बाकी ऐसी स्त्रियों की भी है। उन्होंने अपनी दूसरी प्रॉपर्टी को भी दान करने की योजना बनाई है जिसकी कीमत 4.5 करोड़ के आसपास है। सामाजिक न्याय विभाग ने कमलासन को भरोसा दिलाया है कि वे उनकी बेटी की अच्छे से देखरेख करेंगे।

यह भी पढ़ें: मिलिए उस इलस्ट्रेटर से जिसने आदिवासी बच्चों को इंग्लिश पढ़ाने के लिए छोड़ दी याहू की नौकरी