शेयर मार्केट का सबसे बड़ा खिलाड़ी
इंडियन वॉरेन बुफे के नाम से प्रसिद्ध राकेश झुनझुनवाला की निजी संपदा शेयर मार्केट के बढ़ते दौर में हर 7 दिन में औसतन 59 करोड़ बढती है...
भारतीय शेयर बाजार के किंग कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला एक अच्छे इंसान होने के साथ-साथ बेहतर निवेशक और बहुत ही फुर्तीले व्यापारी भी हैं। इंडियन वॉरेन बुफे के नाम से प्रसिद्ध राकेश झुनझुनवाला की निजी संपदा शेयर मार्केट के बढ़ते दौर में हर 7 दिन में औसतन 59 करोड़ बढ़ती है। निवेशक इन्हें शेयर मार्केट में अपना गुरु मानते हैं। फोर्ब्स द्वारा 2017 में निकाली गयी अमीरों की लिस्ट में राकेश झुनझुनवाला भारत के 53वें सबसे आमिर व्यक्ति हैं।
इन्वेस्टमेंट जगत में राकेश झुनझुनवाला की पकड़ इतनी मजबूत है कि कई अखबार वालों ने उन्हें अनेक नामों की उपाधि दे डाली है, जैसे इंडिया टुडे पत्रिका ने "Pin-up Boy of the Current Bull Run" और इकोनॉमिक टाइम्स पत्रिका ने "Pied Piper of Indian Bourses" कहकर सम्मानित किया है।
राकेश शेयर खरीदते वक्त “बाय राइट एंड होल्ड टाइट” थ्योरी फॉलो करना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि बाजार की तेजी में सबका फायदा और मंदी में सबका नुकसान हो ये जरूरी नहीं है। वो कहते हैं कि ‘मैं अपने काम को एन्जॉय करता हूं, उसे अपने ऊपर कभी हावी नही होने देता।'
शेयर मार्केट के बाप कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को मुंबई शहर में हुआ। उनके पिता आयकर विभाग में ऑफिसर थे। अपने पिताजी को शेयर बाजार में इन्वेस्ट करते देख काफी कम उम्र में ही राकेश ने भी बाजार को समझना शुरू कर दिया था। सिर्फ 15-16 वर्ष की उम्र में ही वे शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव को बारीकियों से परखने में लग गये। राकेश अक्सर अपने पिता से शेयर मार्केट के भाव में उतार-चढ़ाव के प्रति जानने के लिए जिज्ञासु रहते थे, उनके पिता ने कहा “अख़बार पढ़ा करो और जिस कंपनी के बारे में खबर छपी होगी उसके भाव में उतार-चढ़ाव आएगा”। शेयर मार्केट को समझने के लिए राकेश को यह पहली सीख मिली।
अपनी रूचि को बरक़रार रखते हुए उन्होंने अख़बार पढना अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया और रोज़ाना अलग-अलग कंपनियों तथा बाजार की न्यूज़ को पढ़ा करते थे। भारतीय शेयर बाजार के किंग कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला एक अच्छे इंसान होने के साथ बेहतर निवेशक और बहुत ही फुर्तीले व्यापारी भी हैं। इंडियन वॉरेन बुफे के नाम से प्रसिद्ध राकेश झुनझुनवाला की निजी संपदा शेयर मार्केट के बढ़ते दौर में हर 7 दिनों में औसतन 59 करोड़ बढती है। निवेशक इन्हें शेयर मार्केट में अपना गुरु मानते हैं।
मुंबई शहर में पले-बढ़े राकेश झुनझुनवाला ने अपनी स्नातक की डिग्री सिडनीहैम कॉलेज से पूरी कर अपने पिता से स्टॉक मार्केट में जाने की इजाजत मांगी, लेकिन उनके पिता ने पहले प्रोफेशनल डिग्री लेने की नसीहत दी। पिता की सलाहअनुसार उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया में दाखिला लिया और वहाँ से चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की पढ़ाई पूरी की। अपनी कंपनी रेयर एंटरप्राइज़ को एक सहयोगी के तरह संभाल रखा है। इन्वेस्टमेंट जगत में उनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि कई अखबार वालों ने उन्हें अनेक नामों की उपाधि दे डाली है इंडिया टुडे पत्रिका ने “Pin-up Boy of the Current Bull Run” और इकोनॉमिक टाइम्स पत्रिका ने “Pied Piper of Indian Bourses” कहकर सम्मानित किया है। राकेश कहते हैं कि उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस उन्हें लोगों की भीड़ से अलग करता है और हर हाल में वे खुद को सम्भालने में परिपक्व हैं। राकेश झुनझुनवाला रेखा झुनझुनवाला से शादी कर पवित्र बंधन में बंधे और उनके 3 बच्चे भी हैं।
राकेश ने 2002-03 में टाइटन कम्पनी के 6 करोड़ शेयरो को 3 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से ख़रीदा और बाद में उन शेयरों कि कीमत 390 रुपये प्रति शेयर हो गई। जिसके कारण उनका निवेश 2100 करोड़ के पार चला गया। राकेश झुनझुनवाला की 29 शेयरों में बड़ी हिस्सेदारी है। मौजूदा शेयर भाव के अनुसार इसकी वैल्यु करीब 4436 करोड़ रुपए है। झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में टाइटन, ल्युपिन, क्रिसिल, रैलिस इंडिया, डेल्पा कॉर्प, एप्टेक, जियोमैट्रिक, एनसीसी, प्राज इंडस्ट्री, फर्स्टसॉर्स सॉल्युशंस, एस्कॉर्ट जैसी कंपनियों के शेयर है।
राकेश ने अपनी CA की पढाई पूरी कर जब पिताजी से स्टॉक मार्केट में जाने की बात की तो उन्होंने कोई आपत्ति नही जताई लेकिन उन्होंने पूंजी देने से साफ़ मना कर दिए और दोस्तों से भी पैसा मांगने की इजाज़त नही दी। जब वे शेयर मार्केट में आये तो उनके पास पैसे की बहुत किल्लत थी, उनके पास अपनी बचाई हुई धन राशि सिर्फ हजार रुपए थे, जिससे उन्होंने अपना पहला निवेश 1985 में टाटा-टी के शेयर को खरीद कर किया था। इसमें उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत दिखाते हुए 1986 में पांच लाख रुपए का बड़ा मुनाफा कमाया। इसके बाद झुनझुनवाला ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 10 सितंबर 2014 तक उनकी नेट वर्थ 190 करोड़ डॉलर यानी 11,970 करोड़ रुपए पर पहुंच चुकी थी। उसके बाद 1986 से 1989 के बीच राकेश ने 20 से 25 लाख रूपये का लाभ कमाया।
राकेश शेयर खरीदते वक्त “बाय राइट एंड होल्ड टाइट” थ्योरी फॉलो करना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि बाजार की तेजी में सबका फायदा और मंदी में सबका नुकसान हो ये जरूरी नहीं है। वो कहते हैं कि ‘मैं अपने काम को एन्जॉय करता हूं, उसे अपने ऊपर कभी हावी नही होने देता’। मेरा बिजनेस मंत्र सरल है- ‘बाय राइट एंड होल्ड टाइट’ यानी सही समय पर सही शेयर खरीदें और उसे लंबे समय तक अपने पास रखो। राकेश का कहना है कि आप गलतियों से ही सीख सकते हैं। जब तक आप अपनी गलतियों को मान कर उनसे कुछ सीखेंगे नहीं, तब तक आगे भी उन गलतियों को दोहराते रहेंगे। वे मानते है कि निवेशकों को हमेश गिरगिट की तरह होना चाहिए, और निवेशको का निवेश करते समय खुद पर भरोसा होना बहुत जरुरी है। फोर्ब्स द्वारा 2017 में निकाली गयी अमीरों की लिस्ट में राकेश झुनझुनवाला भारत के 53वें सबसे आमिर व्यक्ति हैं। राकेश के अनुसार शेयर बाजार में तेजी के समय सबका फायदा और मंदी के समय नुकसान होता है। इसलिए ये बात मायने नहीं रखती कि मैं अमीरों की लिस्ट में हूँ कि नहीं।
राकेश झुनझुनवाला की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि आपके काम करने का क्षेत्र चाहे कितना भी जटिल और बड़ा क्यों न हो, अगर आप हिम्मत और मेहनत के साथ-साथ अपने काम को बोझ समझने के बजाय एन्जॉय करना सीख लेते हैं, तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। अपने क्षेत्र में बुलंदियां छूने के लिए ज़रूरी है खुद पर भरोसा।
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