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तीन साल में 100 करोड़ रुपये का कारोबार

Magicrete Building Solution ने मिट्टी की ईंटों को एएसी में बदला

तीन साल में 100 करोड़ रुपये का कारोबार

Thursday September 10, 2015 , 4 min Read

यद्यपि आधा दर्जन से अधिक स्टार्टअप, कस्टमर्स को घर खोजने में मदद कर रहे हैं, बहुत से लोग आपूर्ति पक्ष में हैं| आज हम स्टार्टअप के माध्यम से कंस्ट्रक्शन मटेरियल स्पेस में अंतर बना रहें हैं| विशेष रूप से ईंटों के मामले में यह कर रहे हैं| Magicrete एक स्टार्टअप है जो नवीन निर्माण सामग्री और पूर्वनिर्मित निर्माण प्रौद्योगिकियों के कारोबार में लगी हुई है| जो एएसी (Autoclave Aerated Concrete), बनाती है| जो दीवार निर्माण के लिए ईंटों का एक विकल्प है| Magicrete सह-संस्थापक, सौरभ बंसल कहते हैं, “एएसी ब्लाक एक तरफ लाल ईंटों की कीमत पर मिलता है और दूसरें तरफ तेजी से निष्पादन के लिए अनुमति देता है, कम श्रम शामिल है, निर्माण लागत कम कर देता है और पर्यावरण के अनुकूल है|”

यह उद्यम सौरभ, आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र, सिद्धार्थ बंसल, आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र और पुनीत मित्तल, एक योग्य सीए के द्वारा की स्थापना किया गया है| उद्यम को मोतीलाल ओसवाल और अन्य बैंक ऋण द्वारा फण्ड दिया गया|

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आईडिया के बारे में बात करते हुए, सौरभ कहतें हैं कि संस्थापक टीम को निर्माण उद्योग में अवसर को एहसास हुआ| तब आईडिया आया| सौरभ कहते हैं, “Magicrete श्रम, समय या ऊर्जा की क्षमता को लाकर इसे पारंपरिक आपूर्ति श्रृंखला में जोड़ने के लिए अवसर की रणनीतिक खोज का परिणाम था| निर्माण उद्योग, हमारे सकल घरेलू उत्पाद का बड़ा हिस्सा है और स्टील और सीमेंट के बाद, ईंटों का बिल्डिंग सामग्री में उपयोग होता है|” दीवार सामग्री 50,000 करोड़ रुपये को उद्योग है| जिसमे ईंटों के वर्चस्व हैं| 100,000 के आस-पास ईंट भट्टे देश भर में बिखरे हुए हैं और ईंट निर्माण एक बहुत ही असंगठित और ऊर्जा लगाने वाला उद्योग है, सौरभ कहते हैं| Magicrete एएसी ब्लॉक के साथ इस उद्योग में संगठन और दक्षता लाने के लिए उम्मीद कर रहा है|

अवसर अधिक होने के कारण, इस पहल के माध्यम से Magicrete निर्माण व्यवसाय का हिस्सा बन गया है और अल्ट्राटेक, बीजी शिर्के, BIltech (अवंता ग्रुप कंपनी), Hydeabad इंडस्ट्रीज लिमिटेड (सीके बिड़ला समूह) बड़े लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है| हालांकि इस क्षेत्र में विकास के अवसर हर किसी के लिए हैं| सौरभ कहते हैं, “Walling 50,000 करोड़ रुपये को उद्योग है और अगले 5 वर्षों में 10 प्रतिशत का रूपांतरण एएसी के लिए एक महत्वपूर्ण राशि होगी| हम वर्तमान में तीन प्लांट के माध्यम से पश्चिमी और उत्तरी भारत के बाजारों में पहुंच रहे हैं| पांच साल में एएसी का बाजार 50 करोड़ रुपये से 500 रुपये करोड़ हो गया है|”

2008 में स्थापित Magicrete की 400,000 सीबीएम संचयी वार्षिक क्षमता के साथ सूरत में दो विनिर्माण इकाइयां हैं| उन्होंने हाल ही में 350,000 सीबीएम वार्षिक क्षमता के साथ दिल्ली एनसीआर में इकाई की स्थापित की है| वे बंगलौर और मुंबई में भी प्लांट स्थापित करने के लिए भूमि की तलाश कर रहे हैं और 2016 तक 2 लाख सीबीएम की स्थापित क्षमता के साथ भारत की सबसे बड़ी एएसी निर्माता होने का उद्देश्य है| एएसी ब्लॉक के अलावा स्टार्टअप ने दो प्रोडक्ट लांच किये हैं| जो MagicBond और Magicplast हैं| वे बड़े आकार के एएसी स्टील प्रबलित दीवार पैनलों को शुरू करने के साथ-साथ अपने शुष्क मिश्रण पोर्टफोलियो का विस्तार करने पर भी काम कर रहे हैं।

सिद्धार्थ बंसल

सिद्धार्थ बंसल


वहीं अवसर बड़ी होने के साथ, चुनौतियों आम तौर पर बिल्डर की ओर से है| सौरभ कहते हैं, “रियल एस्टेट डेवलपर्स को मिट्टी की ईंटों से एएसी में बदलना प्रमुख चुनौतियों में से एक था| शुरूआती दौर में सकारात्मक नकदी प्रवाह प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण था|” सौरभ कहते हैं कि सबसे मुश्किल काम एएसी का विनिर्माण है, जिसमे उचित अनुपात में 8 अलग सामग्री के मिश्रण को शामिल किया जाता है| वह कहते हैं, “लगातार अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाना एक बड़ी चुनौती है| इस उद्योग में अन्य प्रमुख चुनौती विनिर्माण दौरान और बाद में ईंटों का टूटना है| कुछ विनिर्माण इकाइयों में यह 10% तक चलाता है|”

हालांकि, एक बार शुरुआती हिचक दूर हो जाने के बाद, बिल्डर एएसी ब्लॉकों के निर्माण के व्यापार के मूल्यों को समझ जाते हैं और इससे Magicrete को तेजी से बढ़ने में मदद मिली है| उद्यम ने पिछले साल राजस्व में 100 करोड़ रुपए कारोबार किया|

Magicrete की 300 लोगों की टीम तीन अलग-अलग प्लांट्स में फैली है| और टीम में आईआईटी और आईआईएम के प्रोफेशनल हैं|