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पायलट बनने का सपना पूरा हुआ तो गांव के बुजुर्गों को अपने खर्च पर घुमाया हवाई जहाज में

पायलट बनने का सपना पूरा हुआ तो गांव के बुजुर्गों को अपने खर्च पर घुमाया हवाई जहाज में

Wednesday October 24, 2018 , 3 min Read

हरियाणा के हिसार जिले के सारंगपुर गांव के रहने वाले विकास ज्यानी उन्हीं लोगों में से एक हैं। विकास अब पायलट बन गए हैं और उन्होंने अपने गांव के 22 बुजुर्ग लोगों को अपने खर्चे पर पहली बार हवाई सफर का आनंद दिलाया।

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78 वर्षीय कांकेरी देवी ने कहा कि यह उनकी जिंदगी का अब तक का सबसे अच्छ लम्हा था। हालांकि ये सभी ग्रामीण पहली बार हवाई जहाज में बैठ रहे थे लेकिन उन्होंने बताया कि उन्हें किसी तरह की असुविधा नहीं हुई।

सपने देखने और उन्हें पूरा होते देखने की खुशी से बढ़कर कोई खुशी नहीं हो सकती। सफलता हासिल करने के सफर में कई ऐसे लोग होते हैं जिनका साथ हमें मिलता है। लेकिन अक्सर लोग अपने मुश्किल वक्त में मिले सहारों को भूल जाते हैं, पर ऐसे लोग भी हैं जो सफलता हासिल करने के बाद भी अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। हरियाणा के हिसार जिले के सारंगपुर गांव के रहने वाले विकास ज्यानी उन्हीं लोगों में से एक हैं। विकास अब पायलट बन गए हैं और उन्होंने अपने गांव के 22 बुजुर्ग लोगों को अपने खर्चे पर पहली बार हवाई सफर का आनंद दिलाया।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक गांव के बुजुर्गों ने नई दिल्ली से अमृतसर की उड़ान भरी और सबने स्वर्ण मंदिर, जलियां वाला बाग, वाघा बॉर्डर का भ्रमण किया। इन बुजुर्गों में अधिकतर लोग ऐसे थे जो अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर थे। इन लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि इस उम्र में उन्हें पहली बार हवाई जहाज में बैठने का मौका मिलेगा। इसमें 90 साल की बिमला, 78 साल के रमामुती, 78 साल के कांकेरी देवी, 75 साल की गिरावरी देवी और 80 साल के अमर सिंह शामिल थे।

बुजुर्गों ने दिल से विकास को आशीर्वाद देते हुए कहा कि वह पढ़ने में काफी मेधावी था और उन्हें उम्मीद थी कि वह अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा करेगा। 90 वर्षी बिमला ने कहा, 'तमाम लोग होते हैं जो कहते हैं कि बुढ़ापे में उन्हें ये कराएंगे, वो कराएंगे, लेकिन कोई नहीं कराता। मुझे काफी खुशी हुई कि विकास ने हम सभी का सपना पूरा किया। हममें से किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन हम हवाई जहाज में भी बैठेंगे।'

78 वर्षीय कांकेरी देवी ने कहा कि यह उनकी जिंदगी का अब तक का सबसे अच्छ लम्हा था। हालांकि ये सभी ग्रामीण पहली बार हवाई जहाज में बैठ रहे थे लेकिन उन्होंने बताया कि उन्हें किसी तरह की असुविधा नहीं हुई। सह यात्रियों ने भी उनकी पूरी मदद की। विकास के पिता बैंक में मैनेजर हैं उन्होंने कहा कि इस तीर्थ यात्रा से उन्हें काफी खुशी हुई। उन्होंने कहा, 'विकास ने अपना पायलट बनने का सपना तो पूरा ही किया साथ ही हम सभी का सपना भी पूरा किया। सभी युवाओं को विकास से सीख लेनी चाहिए।'

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