Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

सुपर-30 ने फिर रचा इतिहास, सभी 30 गरीब बच्चों ने पास की IIT की परीक्षा

पिछले 15 सालों में इस संस्थान के 396 बच्चों ने IIT एंट्रेंस परीक्षा में सफलता पाई है...

सुपर-30 ने फिर रचा इतिहास, सभी 30 गरीब बच्चों ने पास की IIT की परीक्षा

Monday June 12, 2017 , 5 min Read

गरीब बच्चों को फ्री में आईआईटी की कोचिंग कराने वाले आनंद कुमार के चर्चित संस्थान सुपर-30 के सभी 30 स्टूडेंट्स ने इस बार IIT में एडमिशन के लिए क्वॉलिफाई कर लिया है। ऐसा चार साल बाद हुआ है। इसके पहले 2013 में ऐसा हुआ था, कि सुपर-30 के सभी बच्चों ने IIT में अपनी जगह पक्की की थी।

image


आनंद कुमार के सुपर-30 के सभी गरीब बच्चों ने पूरे देश में एक बार फिर सफलता की नई कहानी लिख दी है। पिछले 15 सालों में इस संस्थान के 396 बच्चों ने IIT एंट्रेंस परीक्षा में सफलता पाई है।

आनंद कुमार अपनी कोचिंग सुपर-30 में सिर्फ आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चों को ही पढ़ाते हैं। इसमें सबसे बड़ी बात ये है, कि अधिकतर सफल बच्चे बिहार बोर्ड के स्टूडेंट है। वही बिहार बोर्ड जो पिछले 2 साल से नकल व्यवस्था और टॉपर घोटाले के कारण बदनामी की मार झेल रहा है। आनंद कुमार पिछले 15 सालों से गरीब तबके के हर साल 30 बच्चों को मुफ्त में IIT की तैयारी करवाते हैं। इतना ही नहीं वह बच्चों के खर्च को भी खुद ही वहन करते हैं। IIT का रिजल्ट आने के बाद आनंद कुमार ने बताया, कि अब अगले साल से वह अपनी कोचिंग का विस्तार करेंगे और देश के अलग-अलग हिस्से में जाकर और कई सारे गरीब बच्चों की मदद करेंगे।

ये भी पढ़ें,

IAS बनने के लिए ठुकराया 22 लाख का पैकेज, हासिल की 44वीं रैंक

रविवार को IIT अडवांस्ड का रिजल्ट आने के बाद सुपर-30 में पढ़ रहे उन गरीब बच्चों के घरों में उम्मीदों की रोशनी फैल गई। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि सुबह से शाम तक खाना जुटाने की जुगत में उनका बच्चा देश की सबसे बड़े और नामी इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ेगा।

पटना में एक फैक्ट्री में मजदूरी करने वाले गौतम नारयण पांडे का बेटा आदित्य आनंद सुपर-30 का छात्र था। उसने पहले प्रयास में ही IIT क्रैक कर लिया। गौतम नारायण एक साल पहले अपने बेटे को लेकर आनंद कुमार के पास पहुंचे थे। आनंद ने आदित्य की प्रतिभा को देखते हुए उस बच्चे को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली। जब रिजल्ट घोषित हुआ, तो आदित्य का पूरा परिवार खुशियां मना रहा था वहीं उनके पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। ये खुशी के आंसू थे।

कुछ ऐसी ही कहानी फेरी लगाकर कपड़े बेचेने वाले मनोज कुमार वर्मा की भी है। मनोज का बेटा कुंदन कुमार भी पहले ही प्रयास में IIT क्वॉलिफाई कर गया। कुंदन ने अखबार में एक आईआईटी एंट्रेंस टॉपर से प्रभावित होकर इंजिनियरिंग करने की सोच ली थी। कुंदन के साथ ही बिहार के एक छोटे से गांव में हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले धीरेंद्र कुमार के दोनों जुड़वां बेटे सुमित राज और शुभम राज ने IIT में सफलता हासिल की। धीरेंद्र ने बताया कि गरीबी और आर्थिक तंगी की हालत में जब उनके जुड़वा बेटे हुए थे तो लोगों ने कहा था कि वह कैसे अपने दोनों बेटों को पालेंगे। अब वह पूरे गर्व से कहते हैं, कि उनका बेटा इंजिनियर बनकर अपना भविष्य संवारेगा और देश की सेवा करेगा। इसी तरह घरों में पूजा कराने वाले अभि कुमार की भी चाहत थी, कि उनका बेटा अभिषेक इंजिनियरिंग करे। वह जब भी दूसरे घरों में बच्चों की सफलता पर पूजा कराने जाते थे, तो उनकी चाहत और परवान चढ़ने लगती थी।

ये भी पढ़ें,

वेटर और सिनेमाहॉल में टिकट काटने वाले जयगणेश को मिली UPSC में 156वीं रैंक

image


आनंद कुमार ने कहा, कि वैसे तो हर सफलता उनके दिल के काफी करीब है लेकिन इस बार के रिजल्ट ने उनको भावुक कर दिया। दरअसल उनके गांव के ठीक बगल में रहने वाले एक बच्चे ने भी इसमें सफलता पाई। आनंद ने बताया कि जब भी वह घर जाते तो उस बच्चे के घर की गरीबी को देखकर उन्हें दु:ख होता था। कपड़े की दुकान में सेल्समैन का काम करने वाले अयाज अहमद का बेटा वकार अहमद शुरू से ही पढ़ने में अव्वल था। आज उस बच्चे को उसकी मंजिल की ओर बढ़ता देख उन्हें बेहद खुशी हो रही है।

सुपर-30 के एक और सफल छात्र केवलिन के पिता दीपक प्रसाद बेरोजगार हैं। परिवार की माली हालत इतनी खराब हैं कि कभी-कभी खाने के भी लाले पड़ जाते हैं। उसी तरह अरबाज आलम के पिता मोहम्मद शकील अहमद बिहार के बिहारशरीफ जिले में सड़क पर अंडे की दुकान लगाते हैं, लेकिन अरबाज ने कभी हिम्मत नहीं हारी। दोनों बच्चों की आज के बाद बस दो ख्वाहिशें हैं- एक माता-पिता को बेहतर जिंदगी देना और दूसरा देश के लिए कुछ खास करना

इसी तरह बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले अर्जुन कुमार के पिता कौशलेन्द्र प्रसाद भी खेतों में मजदूरी करते हैं।अर्जुन ने भी सुपर-30 में पढ़ाई करके IIT की परीक्षा पास की है। हालांकि वह इंजिनियरिंग करने के बाद भी आईएएस बनने का सपना संजोए हुए हैं। अब उनका अगला लक्ष्य है आईएएस बनकर उसी जिले में डीएम बनना, जहां उसके पिता ने मजदूरी की है।

ये भी पढ़ें,

UPSC टॉपर्स इसलिए हैं टॉपर

आनंद कुमार का संस्थान सुपर-30 देश भर के गरीब परिवारों के 30 बच्चों का चयन करता है और उन्हें मुफ्त कोचिंग, खाने और रहने की सुविधा देता है। इस काम में आनंद का पूरा परिवार उनका साथ देता है। उनकी मां घर में खुद ही सभी 30 बच्चों के लिए खाना बनाती हैं।