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हदिया-शफीन मामले पर 'लव जिहाद' फिर सुर्खियों में, सुप्रीम कोर्ट गंभीर

'लव जिहाद' एक बार फिर सुर्खियों में है। एक मामले को लेकर अब तो हमारे देश की सर्वोच्च अदालत ने भी कह दिया है कि इस पर हम आंखें बंद कर लें, ऐसा नहीं होगा। ताजा लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस को जांच से संबंधित दस्तावेज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से साझा करने के निर्देश दिए हैं।

सांकेतिक फोटो (साभार: Shutterstock)

सांकेतिक फोटो (साभार: Shutterstock)


ताजा लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस को जांच से संबंधित दस्तावेज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से साझा करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश एनआईए की अर्जी पर सुनवाई के बाद जारी किया है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर एवं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने याचिकाकर्ता शफीन जहान को एनआईए से जांच के दस्तावेज साझा करने का विरोध करने पर फटकार भी लगाई है। इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अगस्त को होने वाली है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा है कि हम केरल के 'लव जिहाद' मामले पर तथ्यात्मक जांच चाहते हैं। गौरतलब है कि केरल हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन कर हदिया से शफीन जहान द्वारा किए गए निकाह को रद्द कर दिया था। इस निर्णय को शफीन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा था कि इस मामले में एनआईए को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मामले की केरल पुलिस जांच कर रही है। उन्हें पुलिस जांच पर भरोसा है। लोग मामले को 'लव जिहाद' बनाकर पेश कर रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। जस्टिस चंद्रचूड़ कहते हैं, यह तय किए जाने की जरूरत है कि यह अकेला एक मामला है या उससे कुछ ज्यादा ही है। चीफ जस्टिस ने जानना चाहा है कि क्या हदिया ने जिस व्यक्ति से शादी की, उसका कोई आपराधिक रिकार्ड है?

जानकार बताते हैं कि दरअसल, 'लव जिहाद' या 'रोमियो जिहाद' एक षड्यंत्र है, जिसके तहत युवा मुस्लिम लड़के और पुरुष गैर-मुस्लिम लड़कियों के साथ प्यार का ढोंग करके उनका धर्म-परिवर्तन करते हैं। यह शब्द भारतीय अर्थों में प्रयोग किया जाता है किन्तु कथित रूप से इसी तरह की गतिविधियाँ यूके आदि देशों में भी होती रही हैं। केरल हाईकोर्ट ने एक फैसले में 'लव जेहाद' को सत्य पाया है। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने बकायदा इस पर सदन में एक रिपोर्ट रखते हुए 'लव जिहाद' को लेकर चिंता भी जताई थी।

25 जून 2014 को मुख्यमंत्री चांडी ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि 2667 युवतियां 2006 से लेकर अब तक प्रेम विवाह के बाद इस्लाम कबूल कर चुकी हैं। वहीं केरला कैथोलिक बिशप काउंसिल ने इससे पहले 2009 में ये आंकड़ा 4500 बताया था। इसके अलावा एक अन्य संस्था ने कर्नाटक में 30 हजार लड़कियों के 'लव जिहाद' की शिकार होने की बात कही थी। श्री नारायण धर्म परिपालन समिति के महासचिव वेलापल्ली नतेसन ने कहा था कि उनकी संस्था को पाकिस्तान और यूके में भी इसी तरह की कोशिशों की कई शिकायतें परिवारों की तरफ से आई हैं। अक्टूबर 2009 में तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने लव जिहाद को एक गंभीर मुद्दा माना और इसकी सीआईडी जांच के आदेश दिए। तब तत्कालीन डीजीपी जेकब पुनूज की जांच में कई मामले आए। 9 दिसंबर 2009 को केरल हाइकोर्ट के जस्टिस के टी.संकरन ने लव जिहाद के मामले में पकड़े गए दो मुस्लिम युवाओं की जमानत पर सुनवाई करते हुए कहा था कि पुलिस रिपोर्ट इस ओर इशारा कर रही है कि 3 से 4 हजार लड़िकयों के साथ इसी तरह के प्रेम संबंधों के मामले पिछले तीन-चार सालों में आ चुके हैं। उन्होंने ये भी बताया था कि जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने के भी मामले मिलते हैं। ये भी पाया गया है कि धोखे में रखकर इन लड़कियों से ये संबंध बनाए गए।

टाइम्स ऑफ इंडिया की 26 जुलाई 2010 को प्रकाशित एक खबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने भी इस विषय पर चिंता जताई थी। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और कैंपस फ्रंट जैसे संगठन दूसरे धर्मों की लड़कियों को फुसलाकर उनसे शादी कर इस्लाम कबूल करवाने की साजिश रच रह हैं। वे 20 सालों से केरल का इस्लामीकरण करने का प्लान बना रहे हैं। वे तालीबान के अंदाज में कॉलेजों में हमला कर सकते हैं। दूसरे धर्मों की लड़कियों से शादी करके लव जिहाद के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ सकते हैं। ये भी जानकारियां तत्कालीन मुख्यमंत्री ने दी थी कि बकायदा पैसे देकर लोगों को इस्लाम कबूल करवाया जा रहा है। ये भी पहला मौका था जब केरल में चर्च और विश्व हिंदू परिषद साथ में आए थे क्‍योंकि मुस्लिम आबादी बढ़ाने का ये मकसद हर धर्म के लोगों के धर्म परिवर्तन के जरिए पूरा किया जा रहा था। ये मुद्दा उत्तर प्रदेश में भी उठाया गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई ऐसे मामले सामने आने लगे कि लव जिहाद ने उत्तर प्रदेश में भी अपने पैर पसार लिए हैं। इस तरह के किसी भी काम में शामिल लोग किसी मजहब के नहीं हो सकते हैं। इन्हें भी देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के लिए बकायदा पैसा दिया जाता है।

जानकार बताते हैं कि 'सुपरस्टार' एक मेट्रोसेक्स्युअल लव जिहादी होता है, जो सुव्यवस्थित ढंग से कपड़े पहनता है, नामांकित सैलून से बाल कटवाता है, बातें बनाने में होशियार होता है, फैशनेबल चीज़ों और नए गैज़ेट्स का इस्तेमाल करता है, एक फ़िल्म स्टार की तरह हाव-भाव करता है। मूर्ख किस्म की लड़कियां की उनकी पहली टारगेट होती हैं। इस किस्म के लव जिहादियों की बड़ी तादाद शहरों और महानगरों में होती है, जो उच्च मध्यम वर्गीय और संभ्रांत परिवारों की लड़कियों को निशाना बनाते हैं। 

'पैगंबर' किस्म के लव जिहादी आतंकियों के प्रशंसक ज़ाकिर नाईक जैसों के अनुयायी होते हैं। वे इस भुलावे में जीते हैं कि भले ही उनके लिए काला अक्षर भैंस बराबर हो, परन्तु अल्लाह ने उन्हें सच्चे दीन की विलक्षण अंतरदृष्टि से नवाजा है। हकले नाईक के सारे उपदेश और मूर्खतापूर्ण दलीलें उन्हें रटी हुई होती हैं। उनका यही मंसूबा होता है कि अधिक से अधिक हिन्दुओं को इस्लाम में लाया जाए ताकि उन्हें (लव जिहादियों को) जन्नत में 72 हूरों का मज़ा मिल सके। इन की शिकार वे लड़कियां होती हैं जो अपेक्षाकृत रूढ़िवादी घरों से होती हैं या ऐसी अति आधुनिक लड़कियां जो प्यार में धोख़ा खा चुकी हैं। दोनों ही किस्म के लव जिहादियों का प्रमुख मूलमंत्र एक ही होता है – लड़की को जल्द से जल्द वापस नहीं लौट पाने की स्थिति में पहुंचाना। ये लव जिहादी लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए उतावले होते हैं। संभव हो तो उसका एमएमएस भी बना लेते हैं। यदि वह विरोध करे तो उसका सामूहिक बलात्कार किया जाता है, बार-बार उसका शारीरिक शोषण किया जाता है ताकि वह जल्द ही गर्भवती हो जाए। यह बहुत ही कम होता है कि उसने दुनिया के सामने लड़की को शर्मसार करनेवाली हर एक हरकत का वीड़ियो न बनाया हो – भले ही उसकी सहमति से या जबरन या छुपे हुए कैमरे से। जैसे ही लड़की वापस नहीं लौट पाने की स्थिती में पहुंच जाती है, वह उस से शादी कर उस पर अपनी पैतृक संपत्ति हासिल करने का दबाव बनाता है। वह उस लड़की के ज़रिए – उसके अन्य पारिवारिक सदस्यों खासतौर से लड़की के छोटे भाई – बहनों को भी इस्लाम में लाने की कोशिश करता है।

लव जिहादी एक बार में एक से ज्यादा लड़कियों के साथ ऐसे संबंध रखते हैं। लव जिहादी सिर्फ कुमारियों को ही नहीं बल्कि अपनी जिंदगी से नाखुश शादीशुदा औरतों को भी शिकार बनाते हैं। इन अवैध संबंधों के ऐवज में उन्हें अच्छे खासे पैसे भी मिलते रहते हैं, जो कि औरतें अपने पति से चुरा कर उन्हें देती हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि वे इन औरतों के साथ मिलकर उनका तलाक या पति की हत्या तक करवा देते हैं। लव जिहादी ऐसी औरत से एक बच्चा पैदा करने की कोशिश भी करता है।

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